आपदा के बीच जब नवाज शरीफ तुर्किए पहुंचे, मांगा था खास कबाब
इस समय पाकिस्तान की पूरी दुनिया में फजीहत हो रही है. हाल में तुर्किए में आए विनाशकारी भूकंप ने भी पाकिस्तान की कलई खोल दी. इस भूकंप ने अब तक 25 हजार से अधिक लोगों की जान ले ली है.
नई दिल्ली:
इस समय पाकिस्तान की पूरी दुनिया में फजीहत हो रही है. हाल में तुर्किए में आए विनाशकारी भूकंप ने भी पाकिस्तान की कलई खोल दी. इस भूकंप ने अब तक 25 हजार से अधिक लोगों की जान ले ली है. इस बीच पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ गुरुवार को भूकंप प्रभावित तुर्की के दौरे पर पहुंचे, इसे लेकर पाकिस्तान के कई राजनयिकों ने उनकी आलोचना की है. उनका कहना है कि ऐसे वक्त में जब तुर्किए के पीएम समेत सभी नेता और अधिकारी अपने लोगों को राहत पहुंचाने में लगे हैं, ऐसे में शहबाज शरीफ का दौरा परेशान करने वाला है. इस तरह के एक और वाक्ये में शहबाज के बड़े भाई नवाज का भी नाम सामने आता है.
इसे लेकर उनकी फजीहत आज तक होती है. वह 1999 में आई आपदा के वक्त तुर्की चले गए थे. यहां पर 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था. इस भूकंप में करीब 17 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. उस वक्त नवाज शरीफ पाकिस्तान के पीएम थे.
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राजदूत ने सुझाव दिया
इस वाक्ये के बारे में तुर्किए में पाकिस्तान के तत्कालीन राजदूत एक साक्षात्कार में बताते हैं कि किस तरह नवाज शरीफ की एक डिमांड ने पाकिस्तान के मुंह पर कालीख पोत दी थी. उन्होंने बताया कि उस समय के विदेश मंत्री सरताज अजीज ने पीएम कार्यालय से फोन किया. उन्होंने कहा कि भूकंप प्रभावितों के प्रति संवेदना प्रकट करने के लिए नवाज शरीफ तुर्की जाना चाहते हैं. उस समय सरताज अजीज ने कहा कि तुर्की बड़ी आपदा से जूझ रहा है. यहां पर सभी बड़े राजनेता काफी परेशान हैं. ऐसे में किसी और देश के पीएम का देश में आना तुर्किए के लिए परेशानी बढ़ा सकता है. एक टीम को मेजबानी के लिए उतरना पड़ेगा. तुर्किए के प्रोटोकॉल के तहत अपने मित्र देश के पीएम का स्वागत करना पड़ता है और साथ रहना होता है. राजदूत ने सुझाव दिया कि इस मौके पर पीएम तुर्किए में न आएं.
नवाज शरीफ को लगा कि उन्हें तुर्की जाने से रोकने का प्रयास हो रहा है. इस पर वह काफी नाराज हुए और कहा वह खुद राजदूत से बात करना चाहते हैं. बाद में राजदूत ने कहा कि वह एक सप्ताह बाद तुर्की आ जाएं.
पूरी टीम के साथ तुर्किए पहुंचे थे नवाज
नवाज शरीफ पूरी टीम लेकर तुर्किए पहुंचे थे. इसमें फौज के लोग भी शामिल थे. यहां पर पहुंचकर नवाज शरीफ तुर्किए के तत्कालीन पीएम से मिले. इसके बाद हेलिकॉप्टर में उनके साथ बैठकर भूकंप प्रभावित इलाकों का दौरा किया. दौरे के बाद नवाज शरीफ अंकारा के एक होटल में भोजन करने पहुंचे. जहां पर शरीफ रुके थे, उस गली में मशहूर कबाब की दुकान थी. राजदूत ने बताया कि नवाज शरीफ ने दुख की इस घड़ी में भी होटल में आकर कहा, उसी दुकान में कबाब खाने चला जाए. इस पर राजदूत ने कहा कि आप उस जगह पर न जाएं. कबाब वाली गली काफी तंग है. आप जाएंगे तो सिक्यूरिटी भी साथ जाएगी. मीडिया में मामला आएगा. अगर आप वहां पर जाते हैं तो यहां के लोग कहेंगे कि पाक पीएम लोगों का हालचाल लेने नहीं बल्कि कबाब खाने आए थे. ऐसे में आप यहीं पर कबाब मंगा लें, जिस पर नवाज सहमत हो गए.
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