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चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा सभी देशों के लिए खुला, मुद्दे का राजनीतिकरण ग़लत: नवाज़ शरीफ़

भारत ने इस आर्थिक मार्ग के विरोध में इस सम्मेलन का बहिष्कार किया है।

Updated on: 14 May 2017, 07:19 PM

बीजिंग:

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने रविवार को बीजिंग में कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) क्षेत्र में सभी देशों के लिए खुला है और इस मुद्दे का राजनीतिकरण बिल्कुल नहीं होना चाहिए।

शरीफ ने यह टिप्पणी भारत द्वारा चीन के बेल्ट एंड रोड शिखर (BRF) बैठक का बहिष्कार करने के संदर्भ में की। भारत ने पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर से गुजरने वाले इस आर्थिक मार्ग के विरोध में इस सम्मेलन का बहिष्कार किया है।

शरीफ ने सम्मेलन के पहले दिन कहा, 'मैं स्पष्ट कर दूं कि सीपीईसी एक आर्थिक उपक्रम है, जो इस क्षेत्र के सभी देशों के लिए खुला है। इसकी कोई भौगोलिक सीमा नहीं है। इसका राजनीतिकरण बिल्कुल नहीं होना चाहिए।'

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भारत ने 46 अरब डॉलर के आर्थिक गलियारे के विरोध में इस सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया। भारत पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर क्षेत्र पर अपना दावा करता है।

सीपीईसी चीन की बेल्ट एंड रोड परियोजना का प्रमुख हिस्सा है, जो पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित ग्वादर बंदरगाह को शिंजियांग के काशगर से जोड़ता है।

वन बेल्ट वन रोड (ओबीओआर) चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महात्वाकांक्षी परियोजना है। इस परियोजना के जरिए सड़कों, रेल मार्गो और जलमार्गो द्वारा एशिया, यूरोप और अफ्रीका को जोड़ने की परिकल्पना की गई है।

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भारत चीन की इस परियोजना खासकर सीपीईसी को दक्षिण एशिया में इसके प्रभाव को सीमित करने के लिए चीन के एक भू-रणनीतिक परियोजना के रूप में देखता है।

सम्मेलन में 29 देशों के राष्ट्राध्यक्षों, शासनाध्यक्षों और 1,500 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।

शरीफ ने कहा,'इस समय हम मतभेदों से ऊपर उठ चुके हैं, वार्ता और कूटनीति के जरिए विवादों को सुलझाते हैं और भविष्य की पीढ़ियों के लिए शांति की विरासत छोड़ रहे हैं।'

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