भारत-जापान मिलकर दिखाएंगे समुद्री ताकत, आज से उत्तर अरब सागर में नौसैनिक अभ्यास
भारत और जापान की नौसेनाएं उत्तर अरब सागर में तीन दिवसीय सैन्य अभ्यास शुरू करने जा रही हैं. भारत-जापान की नौसेनाओं का यह द्विपक्षीय अभ्यास का चौथा संस्करण 26 से 28 सितंबर के बीच आयोजित किया जाएगा.
नई दिल्ली:
एक तरफ पाकिस्तान तो दूसरी तरफ चीन, इन दोनों पड़ोसी मुल्कों को उनकी भाषा में ही जवाब देने के लिए भारत फुल-टू-फुल तैयारी करने में जुटा है. विस्तारवादी सोच वाला चीन अपनी सामरिक व आर्थिक ताकत के गुमान में दादागिरी दिखा रहा है तो ड्रैगन की शह पर पाकिस्तान आतंकवाद के जरिए भारत के खिलाफ साजिशें रचने में लगा है. ऐसे में इन दोनों मुल्कों से एक साथ निपटने के लिए भारत लगातार तैयारियों में लगा है. इसी कड़ी में आज से भारत, जापान के साथ मिलकर अपनी समुद्री ताकत को दिखाएगा.
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भारत और जापान की नौसेनाएं उत्तर अरब सागर में तीन दिवसीय सैन्य अभ्यास शुरू करने जा रही हैं. भारत-जापान की नौसेनाओं का यह द्विपक्षीय अभ्यास का चौथा संस्करण 26 से 28 सितंबर के बीच आयोजित किया जाएगा. भारत सरकार की ओर से बयान जारी कर कहा गया है, 'भारत-जापान समुद्री द्विपक्षीय अभ्यास JIMEX का चौथा संस्करण, जिसे भारतीय नौसेना और जापानी समुद्री आत्म-रक्षा बल (JMSDF) के बीच द्विवार्षिक रूप से आयोजित किया जाता है, 26 से 28 सितंबर तक उत्तर अरब सागर में आयोजित किया जाएगा.'
अधिकारियों ने बताया कि भारत और जापान ने दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच साजोसामान सहयोग को लेकर 9 सितंबर को एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. उन्होंने बताया कि उक्त समझौते के बाद यह दोनों देशों के बीच होने वाला पहला सैन्य अभ्यास होगा. इससे पहले भारत और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं ने हिन्द महासागर में दो दिन तक एक बड़ा सैन्य अभ्यास किया. इसमें कई तरह के नौसैन्य कौशल अभियानों, विमान विध्वंसक कवायद और हेलीकॉप्टर अभियान शामिल थे.
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चीन के खिलाफ अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया भी भारत के साथ हैं. इससे पहले भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के वरिष्ठ अधिकारियों ने ‘चतुष्कोणीय गठबंधन अथवा क्वाड’ के तहत शुक्रवार को एक ऑनलाइन बैठक की, जिसमें हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ाने के तरीकों पर बात की गई. यह बैठक हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य दबाव की पृष्ठभूमि में हुई. ‘क्वाड’ के सदस्य चारों देशों के विदेश मंत्री अगले महीने तोक्यो में वार्ता करने वाले हैं.
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