विश्व बलूच महिला फोरम (डब्लूबीडब्ल्यूएफ) की अध्यक्ष और बलूचिस्तान की कार्यकर्ता प्रोफेसर नायला कादरी बलूच ने कहा है कि बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान के युद्ध अपराध से पीड़ित है।
उन्होंने बताया कि बलूचिस्तान के लोग हर साल 27 मार्च को 'ब्लैक डे' के रूप में मनाते हैं।
उन्होंने कहा,' ब्लूचिस्तान 27 मार्च को 'ब्लैक डे' के रूप में मनाता है। इस दिन 1948 में पाकिस्तान ने इस प्रांत पर हमला किया था और अवैध तरीके से इस पर कब्जा कर लिया था। उसी दिन से ब्लूचिस्तान के लोग आजादी और देश के एकीकरण के लिए संघर्ष कर रहे हैं।'
उन्होंने कहा,'ब्लूचिस्तान के लोग नरसंहार, विस्थापन और गरीबी से डर रहे हैं। उन्होंने वहां की आर्मी को लेकर कहा,'पाकिस्तान की सेना लोगों को भारी संख्या में मार रही है।'
चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर को उन्होंने खारिज करते हुए कहा कि यह एक आर्थिक परियोजना के बजाय सैन्य परियोजना है। उन्होंने कहा,' हम सीपीईसी की निंदा करते हैं और इसे अस्वीकार करते हैं। यह परियोजना हमारे जीवन को नरक बना रही है। इससे विशाल जनसांख्यिकीय परिवर्तन से एक दिन धरती से बलूचिस्तान खत्म हो जाएगा, जब लाखों चीनी और पंजाबी बलूचिस्तान में आ जाएंगे।'
Source : News Nation Bureau