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म्यांमार सैनिक जुंता की लोगो को सलाह... लोकतंत्र के लिए सेना से हाथ मिलाएं

एक नेता ने देश में ‘एकता दिवस’ के मौके पर शुक्रवार को लोगों से कहा कि अगर वे लोकतंत्र चाहते हैं तो उन्हें सेना के साथ मिलकर काम करना होगा.

Updated on: 12 Feb 2021, 03:05 PM

नेपीता:

म्यांमार में तख्तापलट में शामिल एक नेता ने देश में ‘एकता दिवस’ के मौके पर शुक्रवार को लोगों से कहा कि अगर वे लोकतंत्र चाहते हैं तो उन्हें सेना के साथ मिलकर काम करना होगा. वहीं, देश के निर्वाचित नेताओं की रिहाई के लिए लोगों का प्रदर्शन भी जारी है. सीनियर जनरल मिन आंग लाइंग ने कहा, 'मैं समूचे राष्ट्र से पूरी गंभीरता से अपील करता हूं कि लोकतंत्र को वास्तव में बहाल करने के लिए लोगों को सेना के साथ हाथ मिलाना चाहिए.' इस बीच फेसबुक ने म्यांमार की सेना द्वारा 'गलत सूचना' के प्रसार को रोकने के लिए चलाए जा रहे कंटेंट और प्रोफाइल पर व्यापक प्रतिबंध लगाए हैं. एक फरवरी को सैन्य तख्तापलट के बाद देश में स्थिति अस्थिर बनी हुई है.

एक नेता ने कहा, 'अतीत की घटनाओं ने हमें सिखाया है कि सिर्फ राष्ट्रीय एकता ही देश को विघटन से रोकने और अखंडता एवं संप्रभुता बनाए रखने में कारगर है.' सेना के कमांडर का यह संदेश शुक्रवार को ‘ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यांमा’ अखबार में प्रकाशित हुआ है. नए सैन्य शासन ने यह भी घोषणा की कि वह ‘एकता दिवस’ के मौके पर हजारों कैदियों को रिहा करेगी और अन्य कैदियों की सजा कम करेगी. मिन आंग लाइंग म्यांमार में एक फरवरी को हुए तख्तापलट में शामिल थे. सेना ने कहा कि उसे यह कदम इसलिए उठाना पड़ा क्योंकि सू ची की सरकार नवंबर में हुए चुनाव में धोखाधड़ी के आरोपों की उचित तरीके से जांच करने में नाकाम रही. हालांकि चुनाव आयोग ने कहा कि इन दावों की पुष्टि के लिए कोई सबूत नहीं हैं.

फेसबुक ने भी लगाया मिलिट्री कंटेंट पर प्रतिबंध
इस बीच फेसबुक ने म्यांमार की सेना द्वारा 'गलत सूचना' के प्रसार को रोकने के लिए चलाए जा रहे कंटेंट और प्रोफाइल पर व्यापक प्रतिबंध लगाए हैं. एक फरवरी को सैन्य तख्तापलट के बाद देश में स्थिति अस्थिर बनी हुई है. एपीएसी इमर्जिग कंट्रीज के डायरेक्टर ऑफ पॉलिसी राफेल फ्रेंकल ने गुरुवार को एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा, 'गलत सूचनाओं के दोहराने वाले अपराधियों पर हमारी वैश्विक नीतियों के अनुरूप, अब हम भी लोगों को उनकी सिफारिश नहीं करेंगे.' अन्य सैन्य-संचालित खातों के बीच, ये प्रतिबंध म्यांमार सैन्य सूचना टीम के फेसबुक पेज पर और म्यांमार के सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर-जनरल जब मिन टुन के फेसबुक खाते पर लागू होते हैं.

तख्तापलट के बाद म्यांमार ने राज्य के स्वामित्व वाली दूरसंचार कंपनियों को 7 फरवरी की आधी रात तक फेसबुक को अस्थायी रूप से प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सोशल मीडिया दिग्गज देश में अस्थिरता में योगदान दे रहा है. बाद में इसने माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर और फोटो-शेयरिंग ऐप इंस्टाग्राम पर भी अस्थायी अंकुश लगा दिया था.