रोहिंग्या संकट पर आलोचनाओं का सामना कर रहीं स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची ने कहा कि वह म्यांमार को धार्मिक और नस्लीय आधार पर विभाजित नहीं होने देंगी। सू ची ने कहा, 'म्यांमार को किसी अंतरराष्ट्रीय निगरानी का डर नहीं है और वह देश को नस्लीय एवं धार्मिक आधार पर विभाजित नहीं होने देंगी।'
उन्होंने बताया कि, 'हमने डॉ कोफी अन्नान के नेतृत्व में एक कमीशन को बुलाया है जो हमें रखाइन क्षेत्र की समस्या सुलझाने में मदद करेगा।' सू ची ने कहा, 'म्यांमार एक जटिल और विविधताओं से भरा देश है। लोग हमसे उम्मीद करते हैं कि हम संक्षिप्त समय में सभी चुनौतियों से बाहर निकल जाएं।'
उन्होंने कहा कि वह रखाइन क्षेत्र में जारी समस्या को लेकर दुखी हैं।
उन्होंने कहा, 'हम बांग्लादेश की ओर पलायन करने वाले मुस्लिमों की संख्या को देख चिंतित हैं।' साथ ही उन्होंने मानवाधिकारों के उल्लंघन की निंदा की जिससे स्थिति और ख़राब हो सकती है।
सू ची ने देश को आश्वासन दिलाते हुए कहा, 'सरकार शांति और स्थिरता बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है ताकि रखाइन समुदाय के लोगों के बीच समन्वयता बन सके।'
इसके अलावा उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी म्यांमार आने का न्यौता दिया और कहा कि अभी भी कई मुस्लिम गांव यहां मौजूद हैं और सभी लोग म्यांमार छोड़ कर नहीं भागे हैं। स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची ने कहा, 'हमने रखाइऩ क्षेत्र में कानून और विकास के लिए एक केंद्रीय कमेटी बनाई है।'
सू ची ने कहा कि शांति और स्थिरता को हासिल करने में हमें करीब 70 साल लगे। उन्होंने मानवाधिकारों के उल्लंघन की निंदा करते हुए साफ कहा कि हम शांति के साथ शासन चलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
सू ची ने साथ ही यह भी कहा कि वो लोग जो म्यांमार छोड़ दूसरे देशों की ओर पलायन कर चुके हैं और अब वापस आना चाहते हैं उनके लिए सरकार रिफ्यूजी वैरिफिकेशन शुरु करेंगे।
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HIGHLIGHTS
- सू की ने कहा कि वह म्यांमार की मौजूदा स्थिति को लेकर अंतरराष्ट्रीय निगरानी से खौफ नहीं खाती हैं
- रोहिंग्या संकट पर बोलते हुए सू की ने कहा कि वह देश को धार्मिक और नस्लीय आधार पर नहीं बंटने देंगी
Source : News Nation Bureau