भारत को मिला अमेरिका का साथ, डोनाल्ड ट्रंप बोले- आतंकवाद को जीतने नहीं देंगे
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मुंबई आतंकी हमले के 10 साल पूरे होने पर आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में भारत के साथ दृढ़ता से खड़े होने की बात दोहराई है.
नई दिल्ली:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मुंबई आतंकी हमले के 10 साल पूरे होने पर आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में भारत के साथ दृढ़ता से खड़े होने की बात दोहराई है. इससे पहले रविवार को 10वीं बरसी के मौक़े पर मुंबई हमले को लेकर अमेरिका ने भारतीयों लोगों के प्रति सहानुभूति प्रकट किया और इस हमले को अंजाम देने वाले वाले किसी भी व्यक्ति की सूचना देने वाले को 50 लाख डॉलर (35 करोड़ रूपये) का पुरस्कार देने की घोषणा की है.
जिसके बाद डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीटर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, मुंबई आतंकवादी हमले की 10वीं बरसी पर, न्याय के लिए अमेरिका भारत के लोगों के साथ खड़ा है. इस हमले में छह अमेरिकियों सहित 166 निर्दोषों की मौत हो गई. हम कभी भी आतंकवादियों को जीतने या जीत के करीब नहीं पहुंचने देंगे!"
इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने बयान जारी करते हुए कहा, 'अमेरिकी सरकार और सभी अमेरिकियों की तरफ से मैं मुंबई आतंकी हमले की 10वीं बरसी पर भारत के लोगों और मंबई शहर के प्रति सहानुभूति प्रकट करता हूं. हम हमले में मारे गए 6 अमेरिकियों सहित सभी पीड़ितों के परिवारों और दोस्तों के साथ खड़े हैं. 26/11 की बर्बरता ने पूरी दुनिया को अचंभित कर दिया था.'
पॉम्पियो ने कहा कि अमेरिका इस क्रूरता के लिए जिम्मेदार आतंकियों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के दायित्वों को लागू करने के लिए पाकिस्तान के साथ बातचीत करेगा.
उन्होंने कहा, 'जिन्होंने इस हमले की योजना बनाई थी और जो इसमें संलिप्त थे, और 10 साल के बाद भी उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है, यह पीड़ितों के परिवारवालों के लिए अपमानजनक है. हम सभी देशों खासकर पाकिस्तान से कहना चाहते हैं कि इस हमले के लिए जिम्मेदार लश्कर-ए-तैयबा और इसके संगठनों और अन्य आतंकियों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के द्वारा प्रतिबंधों को लागू करें.'
बयान के अनुसार, 'अमेरिका इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है. विदेश मंत्रालय की रिवार्ड्स फॉर जस्टिस (आरएफजे) प्रोग्राम के तहत 2008 आतंकी हमले में शामिल लोगों की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को 50 लाख डॉलर पुरस्कार के रूप में दिया जाएगा.'
और पढ़ें- चाबहार बंदरगाह को छूट से मिली मुक्ति, अमेरिकी विदेश मंत्री पोंपियो ने दी स्वीकृति
बता दें कि 26 से 29 नवंबर 2008 के बीच 10 आतंकियों ने मुंबई में दाखिल होकर सैकड़ों लोगों को अपना निशाना बनाया था जिसमें 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे, इसमें कई विदेशी नागरिक भी शामिल थे. इस हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा हाफिज सईद था.
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