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इंडोनेशिया में उलेमा काउंसिल का फरमान, इस्लाम में हराम है क्रिप्टोकरेंसी !

इंडोनेशियाई इस्लामिक निकाय ने क्रिप्टो को मुद्रा के रूप में प्रतिबंधित कर दिया है. मौलवियों के एक शीर्ष निकाय इंडोनेशियाई उलेमा काउंसिल (MUI) ने फैसला सुनाया है कि मुद्रा चलन के रूप में क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करना इस्लाम में गैरकानूनी है.

Updated on: 12 Nov 2021, 02:25 PM

highlights

  • इंडोनेशियाई इस्लामिक निकाय ने क्रिप्टो को मुद्रा के रूप में प्रतिबंधित किया
  • एमयूआई ने क्रिप्टोकरंसी की तुलना जुए से की है
  • इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम बहुल देश 

जकार्ता:

इंडोनेशियाई इस्लामिक निकाय ने क्रिप्टो को मुद्रा के रूप में प्रतिबंधित कर दिया है. मौलवियों के एक शीर्ष निकाय इंडोनेशियाई उलेमा काउंसिल (MUI) ने फैसला सुनाया है कि मुद्रा चलन के रूप में क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करना इस्लाम में गैरकानूनी है, लेकिन डिजिटल संपत्ति के व्यापार के लिए इसकी अनुमति दी जा सकती है.  इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम बहुल देश है. व्यापार मंत्रालय के अनुसार, इस साल मई तक कमोडिटी एक्सचेंज में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग का कुल मूल्य 370 ट्रिलियन रुपये (25.96 बिलियन डॉलर) तक पहुंच गया है. वर्ष 2020 के अंत में कुल व्यापार का मूल्य 65 ट्रिलियन रुपये था. 

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व्यापारियों की संख्या 40 लाख से बढ़कर 65 लाख पहुंच गई है. एमयूआई के धार्मिक आदेशों के प्रमुख असरुन नियाम शोलेह ने रायटर को बताया कि मुद्रा चलन के रूप में क्रिप्टोकरेंसी को शरिया कानून के अनुसार प्रतिबंधित किया जाता है क्योंकि इससे अनिश्चितता और नुकसान की स्थिति पैदा होती है. साथ ही यह राज्य के कानूनों का उल्लंघन करते हैं.  एक वस्तु के रूप में क्रिप्टो करेंसी का व्यापार भी गैरकानूनी है. एमयूआई ने इसकी तुलना जुए से की है, क्योंकि यह इस्लामी नियमों को पूरा नहीं करता है. असरुन ने कहा है कि एमयूआई का यह फरमान कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है क्योंकि यह सरकार का हिस्सा नहीं है.