संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तेजी से गहरा रहे कोरोना वायरसस संकट पर चर्चा करने के लिए अब तक कोई बैठक निर्धारित नहीं की है जबकि दुनियाा भर में कोविड-19 के मामले 5,30,000 से ज्यादा हो गए हैं और करीब 24,000 लोग इस बीमारी के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं. यहां गौर करने वाली बात यह है कि वर्तमान में सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता चीन कर रहा है. विश्व में कोविड-19 के मामले 5,31,860 हो गए हैं और कुल 24,057 लोग इस बीमारी के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं.
अमेरिका में चीन और इटली से भी ज्यादा 85, 653 मामले सामने आए हैं. अमेरिका में कोविड-19 के कारण करीब 1,300 लोगों की मौत हो चुकी है. अब तक, विश्व भर में संयक्त राष्ट्र के 78 कर्मचारियों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है. चीन की 15 राष्ट्रों की परिषद की अध्यक्षता 31 मार्च को समाप्त हो जाएगी और कोविड-19 वैश्विक महामारी पर चर्चा करने के लिए मार्च में सुरक्षा परिषद की कार्यसूची में कोई बैठक शामिल नहीं है.
संयुक्त राष्ट्र के एक राजनयिक ने पीटीआई-भाषा को बताया, 'मानवीय सुरक्षा को इतने गंभीर तरीके से प्रभावित करने वाले मुद्दे पर परिषद की चुप्पी दिखाती है कि यह निश्चित तौर पर हमारे वक्त की चुनौतियों से निपटने के मकसदों के लिए उचित नहीं है. सुरक्षा परिषद ने संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत झांग जुन की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की और लीबिया में संयुक्त राष्ट्र सहयोग मिशन के कार्य पर चर्चा की.
बैठक के बाद संयुक्त राष्ट्र में चीनी मिशन द्वारा जारी बयान में कहा गया कि परिषद के सदस्यों ने लीबिया में कोविड-19 वैश्विक महामारी के संभावित प्रभावों पर चिंता जाहिर की और पक्षों ने तत्काल संघर्ष रोकने तथा देश भर में अबाधित आपूर्ति सुनिश्चित करने की अपील की. इस पूरे बयान में कोविड-19 का बस इतना ही जिक्र था. अप्रैल में परिषद की अध्यक्षता डॉमिनिकन गणराज्य को हासिल हो जाएगी.
इस महीने की शुरुआत में परिषद की अध्यक्षता संभालने से पहले झांग से पूछा गया था कि क्या चीन कोरोना वायरस आपदा पर चर्चा करेगा. इस पर उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस महामारी से परेशान होने की जरूरत नहीं और अपनी अध्यक्षता में बीजिंग सुरक्षा परिषद में इस पर चर्चा नहीं करेगा. उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस का मु्द्दा वैश्विक जन स्वास्थ्य के तहत आता है जबकि सुरक्षा परिषद की प्राथमिक जिम्मेदारी भू-राजनीतिक सुरक्षा एवं शांति मामलों के साथ निपटना है.
Source : Bhasha