logo-image

यमन में मिसाइल और ड्रोन हमले में 100 से अधिक जवानों की मौत

यमन के मारिब में सैन्य शिविर में एक मस्जिद पर मिसाइल और ड्रोन हमले में 100 से अधिक सैनिकों की मौत हो गई और दर्जनों सैनिक घायल हो गए. चिकित्सकीय एवं सैन्य सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी.

Updated on: 20 Jan 2020, 08:51 AM

दुबई:

यमन के मारिब में सैन्य शिविर में एक मस्जिद पर मिसाइल और ड्रोन हमले में 100 से अधिक सैनिकों की मौत हो गई और दर्जनों सैनिक घायल हो गए. चिकित्सकीय एवं सैन्य सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी. इन हमलों के लिए हूती विद्रोहियों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों और सऊदी अरब के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन समर्थित यमन सरकार के बीच जारी युद्ध में कुछ महीनों की अपेक्षाकृत शांति के बाद शनिवार को यह हमला हुआ. सैन्य सूत्रों ने बताया कि हूती विद्रोहियों ने सना के पूर्व में करीब 170 किलोमीटर दूर मारिब में शनिवार शाम को नमाज के दौरान एक सैन्य शिविर में मस्जिद पर हमला किया.

और पढ़ें: पाकिस्तान की जेलों में नर्क की जिंदगी बिताते हैं कैदी, जानें क्या है वजह

यमन के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया, 'हम हूती विद्रोहियों द्वारा मस्जिद पर किए हमले की कड़ी निंदा करते हैं... जिसमें 100 से अधिक लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए हैं.' हताहतों को मारिब शहर के एक अस्पताल ले जाया गया.

अस्पताल के एक चिकित्सकीय सूत्र ने इससे पहले बताया था कि हमले में 83 सैनिक मारे गए हैं और 148 अन्य घायल हुए हैं. इस हमले से एक दिन पहले गठबंधन समर्थित सरकारी बलों ने सना के उत्तर में स्थित नाहम क्षेत्र में हूती विद्रोहियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया था. आधिकारिक संवाद समिति ‘सबा’ के अनुसार एक सैन्य सूत्र ने बताया कि नाहम में संघर्ष रविवार को भी जारी रहा.

इस बीच, सूत्रों ने कहा, '(हूती) मिलिशिया के दर्जनों लोग हताहत हुए हैं.' यमन ने राष्ट्रपति अबेदरब्बो मंसूर हादी ने इस 'कायराना और आतंकवादी' हमले की निंदा की है. 'सबा' ने हादी के हवाले से कहा, 'हूती मिलिशिया का यह शर्मनाक कदम इस बात की निस्संदेह पुष्टि करता है कि वह शांति के इच्छुक नहीं है, क्योंकि उसे मौत और विनाश के अलावा कुछ नहीं आता और वह क्षेत्र में ईरान का घटिया हथियार है.'

ये भी पढ़ें: लेबनान में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प में 160 लोग घायल

हूती विद्रोहियों ने इस हमले की तत्काल जिम्मेदारी नहीं ली है और ‘सबा’ ने अपनी रिपोर्ट में मृतक संख्या नहीं बताई है. ये हमले ऐसे समय में हुए हैं जब बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र दूत मार्टिन ग्रिफिथ्स ने हमलों में आई कमी का स्वागत किया था.