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मुस्लिम संगठन OIC की आलोचना पर भारत का पलटवार, कहा- हमारे आंतरिक मामलों में दखल न दें  

इस्लामिक देशों के संगठन ‘ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन’(OIC) ने असम (Assam) की घटना पर टिप्पणी कर भारत सरकार ने आलोचना की है। इसके लेकर विदेश मंत्रालय ने पलटवार किया है.

Updated on: 09 Oct 2021, 10:28 AM

highlights

  • असम (Assam) की घटना पर टिप्पणी कर भारत सरकार ने आलोचना की है.
  • भारत ने कहा, OIC को भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है.

नई दिल्ली:

इस्लामिक देशों के संगठन ‘ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन’(OIC) ने असम (Assam) की घटना पर टिप्पणी कर भारत सरकार ने आलोचना की है। इसके लेकर विदेश मंत्रालय ने पलटवार किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Ministry of External Affairs (MEA) Spokesperson Arindam Bagchi) ने एक बयान जारी कर कहा कि भारत बेहद खेदपूर्ण तरीके से यह बताना चाहता है कि OIC ने भारत के आंतरिक मामले पर एक बार फिर टिप्पणी की है. इसमें भारत के राज्य असम की एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक बयान जारी करा है. 

OIC के खिलाफ अपनाया कड़ा रुख

भारत ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा “यहां यह दोहराया जाता है कि OIC को भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है. उसे अपने मंच को निजी स्वार्थों के लिए उपयोग नहीं करना चाहिए. इसके साथ भारत सरकर उन बयानों को पूरी तरह से निराधार बयानों बताया है. भारत ने कहा कि इस तरह के बयान भविष्य में नहीं दिए जाएंगे.’

OIC ने क्या कहा था

अफगानिस्तान, चीन, सीरिया और पाकिस्तान में मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों पर आंख मूंदकर मूक दर्शक बने रहने वाला यह संगठन अब भारत के मुसलमानों की ज्यादा चिंता जता रहा है. ओआईसी के जनरल सेक्रेटिएट ने ट्वीट कर कहा कि उनका संगठन असम में व्यवस्थित उत्पीड़न और हिंसा की निंदा करता है. उन्होंने राज्य से सैकड़ों मुस्लिम परिवारों को बेदखल करने के अभियान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में कई अल्पसंख्यकों की मौत का भी दावा किया.  इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ था.  

भारत के खिलाफ इस संगठन का इस्तेमाल

ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज दुनियाभर के मुसलमान का रहनुमा बनने का दावा करता है.  25 सितंबर 1969 में बने इस संगठन का पाकिस्तान संस्थापक सदस्य रहा है.  भारत इस संगठन का सदस्य नहीं है. पाकिस्तान हमेशा से इस संगठन का उपयोग भारत के खिलाफ करता आया है. खासकर कश्मीर मुद्दे पर कई बार ओआईसी ने भारत के खिलाफ टिप्पणी की है.