म्यांमार में सैन्य तख्तापलट... आंग सान सू ची नजरबंद, सेना ने आपातकाल लगाया

सेना ने वास्तविक नेता आंग सान सू ची (Aung San Suu Kyi) समेत राष्ट्रपति विन म्यिंट को राजधानी नैपीडॉ में नजरबंद कर दिया है.

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Nihar Saxena
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Mynmar Coup

म्यांमार में एक साल के लिए इमरजेंसी.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

म्यांमार में आंग सान सू ची की सत्ताधारी पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी (NLD) का शासन खत्म हो गया है. सेना ने वास्तविक नेता आंग सान सू ची (Aung San Suu Kyi) समेत राष्ट्रपति विन म्यिंट को राजधानी नैपीडॉ में नजरबंद कर दिया है. सेना के कमांडर इन चीफ मिन आंग लाइंग ने सत्ता संभालते ही एक साल के लिए आपातकाल लगा दिया है. इस घटना पर अमेरिका ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है.

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सू ची घर में नजरबंद
अमेरिका ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए लोकतांत्रिक सरकार के प्रति समर्थन और प्रतिबद्धता जताई है. म्यांमार के ऑनलाइन पोर्टल म्यांमार नाउ ने अज्ञात सूत्रों के हवाले से बताया है कि सू ची और उनकी पार्टी के अध्यक्ष को सोमवार तड़के गिरफ्तार कर लिया गया है. हालांकि इस बारे में अभी विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाई है. उधर, एपी के अनुसार, म्यांमार में सेना के टेलीविजन चैनल ने बताया कि सेना ने एक वर्ष के लिए देश का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया है. बताया जा रहा है कि नेपीडॉ में सभी संचार लाइनों को काट दिया गया है. नेशनल लीग ऑफ डेमोक्रेसी पार्टी के लोगों से बात नहीं हो पाई है.

एक दशक पहले तक था सैन्य शासन
भारत के बेहद करीबी देश म्यांमार में एक दशक पहले तक करीब 50 साल तक सैन्य शासन रहा था. पिछले साल नवंबर में हुए चुनाव में सत्ताधारी एनएलडी पर धांधली के आरोप लगे थे. सेना ने देश में सैन्य तख्तापलट की खबरों से पहले इनकार किया था. बता दें कि कुछ पश्चिमी राजदूतों ने म्यांमार में तख्तापलट की आशंका जाहिर की थी. हालांकि, बाद में म्यांमार की सेना तत्पदौ ने बयान जारी कर कहा था कि उसके कमांडर इन चीफ सीनियर जनरल मिन आंग लाइंग के बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है. दरअसल संसद सत्र के पहले ही सेना ने चेतावनी दी थी कि चुनाव के दौरान वोटों में गड़बड़ी पर कार्रवाई नहीं की गई तो वह एक्शन ले सकती है.

संयुक्त राष्ट्र ने जताई थी चिंता
दो दिन पूर्व संयुक्त राष्ट्र और पश्चिमी देशों की सरकारों ने म्यांमार की सेना द्वारा दी गई चेतावनी पर चिंता जताते हुए देश में तख्तापलट की आशंका व्‍यक्‍त की थी. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने कहा कि म्यांमार में चल रहे घटनाक्रम से वह बेहद चिंतित हैं. सेना ने धमकी दी है कि अगर उसकी शिकायतों का निवारण नहीं किया गया तो वह कार्रवाई करेगी. हालांकि म्‍यांमार के राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग ने सेना द्वारा चुनावों में धोखाधड़ी होने के आरोपों से इंकार किया है. गौरतलब है कि आठ नवंबर को म्‍यांमार में हुए संसदीय चुनाव में आंग सान सू ची की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी को शानदार जीत मिली थी. सू ची की पार्टी ने 476 सीटों में से 396 पर जीत दर्ज की थी, जबकि सैन्य समर्थित यूनियन सॉलिडैरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी मात्र 33 सीटें जीत सकी थी.

Source : News Nation Bureau

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