पाकिस्तानी सेना की कायराना हरकत का विरोध, यूनाइटेड किंगडम में बलूच समुदाय ने किया प्रदर्शन
बलूचिस्तान प्रांत में पाकिस्तान के अर्धसैनिक बलों के हाथों बलूच महिलाओं की हत्याओं के खिलाफ यूनाइटेड किंगडम में बलूच समुदाय के सदस्यों ने 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
10 डाउनिंग स्ट्रीट :
बलूचिस्तान (Balochistan) प्रांत में पाकिस्तान के अर्धसैनिक बलों के हाथों बलूच महिलाओं की हत्याओं के खिलाफ कल यूनाइटेड किंगडम में बलूच समुदाय के सदस्यों ने 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. हाल ही में पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान प्रांत के तुरबत शहर में एक महिला और उसकी 4 साल की बेटी की हत्या कर दी थी. जिसके बाद से इस कायराना हरकत को लेकर बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
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यूनाइटेड किंगडम में 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर प्रदर्शनकारियों ने बलूचिस्तान में लगातार बढ़ रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन और तुरबत की घटना के खिलाफ नारेबाजी की. बलूच नेशनल मूवमेंट यूके जोन के अध्यक्ष हकीम बलूच ने कहा कि बलूच समुदाय बलूचिस्तान में पाकिस्तान की इस सैन्य कार्रवाई की कड़ी निंदा करता है. एक अन्य बलूच नेता ने कहा, 'पाकिस्तान बलूचिस्तान में कहर और आतंक पैदा करने के लिए अपने डैथ स्क्वाड को उतार रहा है. पाकिस्तानी सेना निर्दोष बलूच महिलाओं की हत्या और घरों पर हमला कर पूरे बलूच समुदाय को डराना चाहती है, ताकि लोग असुरक्षित महसूस करें.'
ज्ञात हो कि इससे पहले बलूच समुदाय ने बीते रविवार को जर्मनी में भी विरोध प्रदर्शन किया था. पाकिस्तान के खिलाफ यह विरोध प्रदर्शन बलूच राष्ट्रीय आंदोलन द्वारा आयोजित किया गया. साथ ही मृत महिला को इंसाफ दिलाने के लिए कार्यकर्ताओं ने ऑनलाइन मुहिम भी चलाई है. जस्टिस फॉर नाज वीबी नाम से एक ऑनलाइन अभियान चलाया जा रहा है.
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दरअसल, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बलूचिस्तान प्रांत के तुरबत शहर में मलिका नाज नाम की एक महिला और उसकी चार साल की मासूम बेटी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस घटना को बलूचिस्तान में सत्तारूढ़ बलूचिस्तान अवामी पार्टी के आत्मघाती दस्ते ने अंजाम दिया. इसके अलावा भी बलूचिस्तान प्रांत में बड़ी संख्या में राजनीतिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी, महिलाएं और बच्चे सुरक्षा एजेंसियों द्वारा गायब कर लिए जा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इनमें से कई लोगों की हिरासत केंद्रों में ही मौत हो चुकी है, जबकि कई अगवा बलूच के लोगों के कटे हुए शव मिले हैं.
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