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डेटा लीक मामले में फेसबुक के पर बढ़ा प्रेशर, मार्क जकरबर्ग ने गंवा दिए करीब 4 खरब रुपये

पॉलीटिकल एड कंपनी के फेसबुक यूजर्स का उनकी सहमति के बिना डाटा लीक मामले में फेसबुक को तगड़ा झटका लगा है।

Updated on: 20 Mar 2018, 03:44 PM

नई दिल्ली:

पॉलीटिकल एड कंपनी के फेसबुक यूजर्स का उनकी सहमति के बिना डाटा लीक मामले में फेसबुक को तगड़ा झटका लगा है। इस मामले में अमेरिकी और यूरोपीय सांसदों ने फेसबुक से जवाब मांगा है।

अमेरिकी और यूरोपीय सांसदों का इस कार्रवाई के बाद फेसबुक कंपनी के शेयर सोमवार को 7% तक नीचे गिर गए।

शेयर बाजार में कीमत घटने की वजह से फेसबुक सीईओ मार्क जकरबर्क को एक दिन में लगभग 6.06 अरब डॉलर (करीब 395 अरब रुपये) का झटका लगा।

गौरतलब है कि अमेरिका और यूरोप के सांसद जकरबर्ग से जानना चाहते हैं कि डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव जीतने में ब्रिटेन की कैंब्रिज एनालिटिका ने किस प्रकार से मदद की?

आपको बता दें कि फेसबुक पहले ही यह बता चुका है कि 2016 में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले उसके प्लेटफॉर्म का रूसी लोगों ने कैसे इस्तेमाल किया था, लेकिन इसे लेकर जकरबर्ग कभी सवालों के घेरे में नहीं आए थे।

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इस मामले से दोषी पाए जाने के बाद सोशल नेटवर्किंग साइट्स को लेकर सख्त रेग्युलेशन का दबाव भी बन सकता है।

फेसबुक ने शुक्रवार को दावा किया था कि एक प्रफेसर ने फेसबुक के लॉग इन टूल्स का इस्तेमाल लोगों को साइनअप करने के लिए किया था।

प्रफेसर ने न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के हवाले से दावा किया कि जिस पर्सनैलिटी ऐनालिसिस ऐप का इस्तेमाल एकेडमिक परपज के लिए होना था वहां यूजर्स को साइनअप किया गया। क्विज के जरिए 2.70 लाख लोगों को डाटा ऐक्सेस करने की इजाजत दी थी, लेकिन यह संख्या बढ़कर 5 करोड़ तक गई। 

वहीं फेसबुक के कहना है कि प्रफेसर ने बाद में इन यूजर्स के डेटा कैंब्रिज एनालिटिका को दिए जो उसकी शर्तों का उल्लंघन था।

फेसबुक को इस मामले में शर्तों के उल्लंघन की जानकारी 2015 में मिली थी, जिसके बाद उसने प्रफेसर का एक्सेस रोक दिया और उसने कैंब्रिज एनालिटिका से यूजर डेटा डिलीट किए जाने की बात कन्फर्म करने को कहा।

पिछले शुक्रवार को कैंब्रिज को अपने सिस्टम से हटाते हुए फेसबुक ने सफाई दी कि उसे पता चला है कि यूजर्स डेटा डिलीट नहीं किए गए थे।

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