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मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू की निकली हेकड़ी, आर्थिक तंगी के बीच मांग रहे भारत से मदद

मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू के तेवर धीरे-धीरे कम पड़ने लगे हैं. इस बदलाव की वजह मालदीव की आर्थिक तंगी है इसीलिए उन्होंने अब भारत से मदद करने की गुहार लगाई है.

Updated on: 22 Mar 2024, 11:50 PM

नई दिल्ली:

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के तेवर अब ठीले पड़ने लगे हैं. इसी के साथ अब वह भारत से सुलह का रुख अपना रहे हैं. अब मुइज्जू कह रहे हैं कि भारत मालदीव का निकटतम सहयोगी है और हम उम्मीद करते हैं कि पड़ोसी देश हमें ऋण राहत प्रदान करेगा. बता दें कि साल 2023 के आखिर तक मालदीव पर भारत का करीब 400.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर बकाया था. बावजूद इसके मुइज्जू ने जैसे ही राष्ट्रपति की कुर्सी संभाली सबसे पहले भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू किया.

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राष्ट्रपति बनने के बाद भारत के खिलाफ उगला जहर

बता दें कि मोहम्मद मुइज्जू ने नवंबर 2023 में मालदीव के राष्ट्रपति पद की शपथ ली. इसके बाद उन्होंने भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया. मुइज्झू हमेशा चीन समर्थक रहे हैं. इसीलिए राष्ट्रपति बनते ही उन्होंने सबसे पहले चीन की यात्रा की. उसके बाद उन्होंने भारत के खिलाफ कई बयान दिए. राष्ट्रपति बनने के कुछ ही घंटों के भीतर उन्होंने मांग की कि मालदीव से भारतीय सैन्य कर्मियों को 10 मई तक भारत वापस भेज दिया जाए.

मुइज्जू ने अब भारत को बताया मालदीव का सबसे करीबी सहयोगी

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का रुख कुछ ही महीनों में बदल गया. अब उन्होंने भारत को मालदीव का सबसे करीबी सहयोगी बताया. उन्होंने कहा कि भारत मालदीव का सबसे करीबी सहयोगी बना रहेगा. मुइज्जू ने कहा कि मालदीव ने भारत से ऋण लिया है, जो द्वीप राष्ट्र की अर्थव्यवस्था द्वारा वहन किए जाने से अधिक है. उन्होंने आगे कहा कि वो ऋण चुकाने के विकल्प तलाश रहे हैं और इस बारे में लगातार भारत सरकार के साथ चर्चा कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत द्वारा इस मामले में सहयोग प्रदान किया जाएगा.

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