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मालदीव: आतंकवाद के आरोप में फंसे पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद बरी

मालदीव के सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए देश के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को आतंकवाद के आरोपों से बरी कर दिया है।

Updated on: 02 Feb 2018, 12:11 PM

नई दिल्ली:

मालदीव के सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए देश के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को आतंकवाद के आरोपों से बरी कर दिया है। इस दौरान कोर्ट ने सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले नशीद ने स्वागत किया है।।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नशीद और उनके समर्थकों की रिहाई होनी तय हो गई है, लेकिन इस फैसले की वजह से देश की राजनीति में तूफानी हलचल आ गई है। नशीद और उनके समर्थक अब वर्तमान में राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

प्रदर्शन के दौरान नशीद समर्थकों पर देर रात लाठीचार्ज भी किया गया और आंसू गैस के गोले छोड़े गए हैं। वहीं राष्ट्रपति यमीन ने पुलिस प्रमुख को पद से हटा दिया है।

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भारत समर्थक माने जाने वाले नशीद ने इस फैसले का स्वागत किया है, उन्होंने लिखा, 'मैं सभी राजनीति बंदियों की तत्काल रिहाई और अधिकारों के बहाली के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करता हूं।' उन्होंने ट्वीट में राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन के इस्तीफे की भी मांग की।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर मालदीव सरकार वैधता पर सवाल उठा रही है। हालांकि इसी बीच पूरे देश में कई जगहों पर नशीद समर्थक प्रदर्शन कर रहे हैं। वे इस दौरान राष्ट्रपति यमीन से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

बता दें कि साल 2012 में पूर्व राष्ट्रपति नशीद को तख्तापलट कर राष्ट्रपति पद से हटा दिया गया था। नशीद को 2015 में आतंकवाद के आरोपों में 13 साल की सजा सुनाई गई थी जिसके बाद ब्रिटेन ने उन्हें शरण दी थी। नशीद और उनकी पार्टी (मालदीव डेमोक्रैटिक पार्टी) ने भारत समर्थक सरकार बनाने का वादा किया है।

बता दें कि हिंद महासागर में स्थित मालदीव कूटनीतिक रूप से भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण देश है।

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