भारत-मालदीव का रिश्ता अर्थव्यवस्था से कहीं ज्यादा.. अब विपक्षी नेता ने बड़बोले मंत्रियों को हड़काया

सरकार को इस पर कड़ा रुख अपनाना चाहिए, क्योंकि यह सरकार से सरकार तक जाता है. अब, सोशल मीडिया की आसान पहुंच के कारण, यह बहुत सारे भारतीयों और बहुत सारे मालदीवियों तक पहुंच गया है, जिसके चलते दोनों देशों के बीच विवाद और गहराता जा रहा है.

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Sourabh Dubey
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Fayyaz_Ismail

Fayyaz_Ismail( Photo Credit : social media)

भारत और मालदीव में चल रहे विवाद के बीच, विपक्षी नेता और मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष फैयाज इस्माइल ने सरकार से "कड़े रुख" अपनाने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि, भारत और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नस्लवादी टिप्पणियां उन लोगों की व्यक्तिगत राय थीं, जिन्हें दुर्भाग्य से सरकार में पद दिए गए थे. इसके साथ ही उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि, कैसे सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल और आसान पहुंच के चलते पूरा मामला दोनों देशों के लोगों तक पहुंचा...

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फैयाज इस्माइल ने अपने बयान में कहा कि, वे व्यक्तिगत रूप से मानते हैं कि, सरकार को इस पर कड़ा रुख अपनाना चाहिए, क्योंकि यह सरकार से सरकार तक जाता है. अब, सोशल मीडिया की आसान पहुंच के कारण, यह बहुत सारे भारतीयों और बहुत सारे मालदीवियों तक पहुंच गया है, जिसके चलते दोनों देशों के बीच विवाद और गहराता जा रहा है. ऐसे में सरकार को ये स्पष्ट करने की ज़रूरत है कि उनका ऐसा करने का कोई इरादा नहीं था. ये सिर्फ उन लोगों की व्यक्तिगत राय थीं, जिन्हें दुर्भाग्य से सरकार में पद दिए गए थे. लिहाजा मालदीव सरकार को इसे भारतीयों, मालदीव और बड़े पैमाने पर पूरी दुनिया को स्पष्ट रूप से दिखाने की जरूरत है. 

क्या ये विवाद भारत-मालदीव संबंधों पर असर डालेगा? इसपर बोलते हुए फैयाज इस्माइल ने बताया कि, दोनों देशों के बीच का संबंध अर्थशास्त्र या राजस्व से कहीं अधिक है. ऐसे में एक या दो ट्वीट के कारण इस पूरे रिश्ते पर बुरा प्रभाव पड़ना काफी दुखद है. उन्होंने कहा कि, फिलहाल उन्हें इस बात की अधिक चिंता है कि दोबारा दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर कैसे किए जा सकते हैं. 

Source : News Nation Bureau

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