logo-image

भारत के बहिष्कार से मालदीव का हुआ बुरा हाल, जानें क्या बोले पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद

India Maldives Tension: मालदीव इनदिनों पर्यटकों की कमी से जूझ रहा है. जिसके चलते उसे आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. मालदीव का ये हाल भारत के बहिष्कार के बाद हुआ है.

Updated on: 09 Mar 2024, 06:33 AM

नई दिल्ली:

India Maldives Tension: भारत के बहिष्कार के मालदीव को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है. इससे मालदीव का हालत बेहद खराब हो गई है. मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने इसे लेकर चिंता जताई और कहा कि भारत के बहिष्कार के आह्वान के प्रभाव खासकर पर्यटन में भारी कमी आई है. भारत के दौरे पर आए नशीद ने मालदीव के लोगों की ओर से माफी मांगी और भारतीय पर्यटकों से देश का दौरा जारी रखने की अपनी इच्छा पर जोर दिया. बता दें कि मालदीव में नई सरकार बनने के बाद दोनों देशों के रिश्ते पहले जैसे नहीं रहे.

भारत के बहिष्कार से मालदीव पर पड़ा असर

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति नशीद ने कहा कि, "इससे मालदीव पर बहुत प्रभाव पड़ा है और मैं वास्तव में यहां भारत में हूं. मैं इस बारे में बहुत चिंतित हूं. मैं कहना चाहता हूं कि मालदीव के लोगों को खेद है. हमें खेद है कि ऐसा हुआ. हम चाहते हैं कि भारतीय लोग अपनी छुट्टियों पर मालदीव आएं और हमारे आतिथ्य में कोई बदलाव नहीं होगा.'' उन्होंने बहिष्कार के लिए जिम्मेदार लोगों को हटाने में वर्तमान राष्ट्रपति द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई की भी सराहना की. उन्होंने ने कहा कि, "मुझे लगता है कि इन मामलों को सुलझाया जाना चाहिए और हमें इसमें बदलाव करना चाहिए और अपने रिश्तों को सामान्य करना चाहिए."

ये भी पढ़ें: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच 'बाबा यगा' की खौफ से डरे रूसी सैनिक, छोड़ रहे हैं जंग की मैदान

यही नहीं नशीद ने पिछली चुनौतियों के दौरान भारत के जिम्मेदार दृष्टिकोण के बारे में भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि, "जब मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय सैन्यकर्मी वहां से चले जाएं, तो भारत ने क्या किया? उन्होंने अपनी बांहें नहीं मोड़ीं. उन्होंने ताकत का प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन मालदीव की सरकार से बस इतना ही कहा, 'ठीक है, आइए उस पर चर्चा करें.''

डोर्नियर उड़ान और हेलीकॉप्टरों पर क्या बोले नशीद

नशीद ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से ऐसी बातचीत बंद करने का आग्रह करते हुए कहा कि, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि राष्ट्रपति मुइज्जू ने ये चर्चाएं कीं. मैं उन्हें फोन करूंगा कि कृपया डोर्नियर उड़ान और हेलीकॉप्टरों पर इन चर्चाओं को रोकें. उन्हें चिकित्सा निकासी के लिए मालदीव लाया गया था. हमारे द्वीप दूर-दराज हैं, हमारे पास हर द्वीप पर विकसित अस्पताल नहीं हैं. इसलिए, अक्सर एक मरीज को माले लाने की जरूरत पड़ती है. ऐसा करने के लिए हवाई मार्ग से जाना पड़ता है इसलिए हमें इसकी आवश्यकता है."

ये भी पढ़ें: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच NATO में शामिल हुआ स्वीडन, बना गठबंधन का 32वां सदस्य

भारत-मालदीव की दोस्त पर क्या बोले पूर्व राष्ट्रपति

नशीद ने भारत और मालदीव के बीच स्थायी दोस्ती को भी रेखांकित किया, जो जरूरत के समय आपसी सहायता और सहयोग में निहित है. इस बीच, मालदीव और चीन के बीच हाल ही में हस्ताक्षरित रक्षा समझौते पर नशीद ने कहा कि, "मुझे नहीं लगता कि यह एक रक्षा समझौता है. मुझे लगता है कि मुइज्जू कुछ उपकरण खरीदना चाहते थे, जिसमें मुख्य रूप से रबर की गोलियां और आंसू गैस शामिल है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने सोचा कि अधिक आंसू गैस और अधिक रबर की गोलियों की आवश्यकता है. शासन बंदूक की नली से नहीं चलता."