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Maldives President( Photo Credit : NEWS NATION)
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मालदीव ने एक बार फिर भारत को गु्स्सा दिलाने का काम किया है. दरअसल मालदीव ने चीन के तीन जहाजों को अपनी राजधानी माले में रूकने की इजाजत दे दी है.
Maldives President( Photo Credit : NEWS NATION)
India Maldives Relation: भारत और मालदीव के बीच तनाव जारी है. दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है. इस बीच मालदीव ने भारत को गुस्सा दिलाने के लिए नया पैंतरा अपनाया है. दरअसल चीन के 3 जहाज मालदीव की सीमा में घुस आए हैं. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो ये सभी जहाज मालदीव की राजधानी माले में डॉक करेगा. कहा जा रहा कि मालदीव ने चीन को समुद्री सीमा का सर्वे करने के लिए यहां रूकने की इजाजत दी है. आपको बता दें भारत की ओर से कई बार मालदीव से आग्रह किया गया है कि किसी भी देश के जहाजों को माले में डॉक करने की इजाजत न दें.
मालदीव ने एक बार फिर भारत को गु्स्सा दिलाने का काम किया है. दरअसल मालदीव ने चीन के तीन जहाजों को अपनी राजधानी माले में रूकने की इजाजत दे दी है. जानकारी के अनुसार ये चीनी जहाज मालदीव की समुद्री सीमा का सर्वे करेंगे. इससे पहले चीनी जहाज शियान 6 श्रीलंका का दौरा कर चुका है. यहां वो श्रीलंका की समुद्री सीमा का सर्वे कर चुका है. इसके बाद चीन ने एक बार फिर मालदीव और श्रीलंका से समुद्री सीमा का सर्वे करने की इजाजत मांगी थी. वहीं भारत सरकार ने दोनों देशों से अपील कर ऐसा न करने का आग्रह किया था.
चीन पर भरोसा नहींं
मीडिया रिपोर्ट की माने तो चीन का ये जहाज जिसका नाम जियांग यांग होंग 3 है साल 2016 में तैयार किया गया है. इस जहाज का वजन करीब 4300 टन है. इस जहाज में कई लेटेस्ट टेक्नोलॉजी लगी है जो काफी अलग किस्म का है. ये जहाज समुद्र की गहराई, समुद्र के अंदर होने वाले हलचल सहित पनडुब्बियों की गतिविधियों की जानकारी ले सकता है. भारत इस चीनी जहाज को लेकर इसलिए चिंतित है क्योंकि इस जहाज के जरिए चीन भारतीय समुद्री सीमा में होने वाली गतिविधियों के साथ-साथ हिंद महासागर में भारत की निगरानी कर सकता है. इसके साथ ही पनडुब्बियों की गतिविधियों पर भी नजर रख सकता है.
मालदीव सरकार का बयान
आपको बता दें कि भारत से श्रीलंका और मालदीव की समुद्री सीमा के बीच की दूरी ज्यादा नहीं है. वहीं चीन के गंदे इरादे से पूरी दुनिया वाकिफ है. चीन हमेशा से ही भारत के खिलाफ साजिश करने की कोशिश करता रहा है. वहीं इस मामले पर मालदीव सरकार का कहना है कि चीनी जहाज को रूकने की इजाजत नहीं दी गई है वो सिर्फ यहां ईंधन भरने की इजाजत मांगी थी इसके अलावा वो कोई रिसर्च का काम नहीं करेगा. लेकिन ताजा हालत को देखते हुए मालदीव पर भरोसा नहीं किया जा सकता है.
Source : News Nation Bureau