वेनेजुएला में सौ बोलिवर के नोट को बंद करने के फैसले के बाद बड़े पैमाने पर हिंसक वारदातें हुईं, जिसके बाद राष्ट्रपति मादुरो ने इस फैसले पर रोक लगा दी है। इस फैसले के बाद वेनेजुएला में बैंकों के आगे लंबी कतारें लग गईं थीं। हिंसक वारदातों में एक आदमी की मौत भी हुई। बैंकों के लूटपाट की भी कुछ घटनाएं हुईं।
मदुरो ने एक राष्ट्रीय प्रसारण में दावा किया कि वेनेजुएला अंतर्राष्ट्रीय साजिश का शिकार हुआ है, जिसके कारण नए 500 बोलिवर के नोट सही समय पर उपलब्ध नहीं हो सके हैं।राष्ट्रपति निकोलस मदुरो ने 100 बोलिवर के बैंकनोट को वापस करने की समय सीमा बढ़ाकर दो जनवरी कर दी है।
यह भी पढ़ें: वेनेज़ुएला ने भी किया नोटबंदी का ऐलान, सबसे बड़े नोट को किया प्रतिबंधित
मादुरो ने कहा था कि इन वारदातों के पीछे बाहरी ताकतों का हाथ है। मादुरो ने सौ बोलिवर के नोट को बंद करने की वजह इसका माफिया द्वारा इस्तेमाल को बताया था। बता दें कि भारत के बाद वेनेज़ुएला ने भी बड़े नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया था।
यह भी पढ़ें: वेनेजुएला की नेशनल एसेंबली ने संकट के लिए राष्ट्रपति को ठहराया जिम्मेदार
वेनेजुएला की सरकार को उम्मीद थी कि नोटबंदी के फैसले से खाद्य और बुनियादी चीजों की कमी तथा तस्करी की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी। वेनेजुएला की नेशनल एसेंबली ने राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को नोटबंदी का फैसले लेने के बाद संवैधानिक गतिरोध और संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
Source : News Nation Bureau