लंदन की कोर्ट ने विजय माल्या को दी राहत और भारतीय बैंकों को झटका

उच्च न्यायालय की दिवालिया शाखा के न्यायाधीश माइक ब्रिग्स ने कहा कि जब तक भारत के उच्चतम न्यायालय में उनकी याचिकाओं और कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष समझौते के उनके प्रस्ताव का निपटारा नहीं हो जाता तब तक उन्हें वक्त दिया जाना चाहिए.

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Sunil Mishra
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शराब कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) को राहत देते हुए लंदन में उच्( Photo Credit : फाइल फोटो)

शराब कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) को राहत देते हुए लंदन में उच्च न्यायालय ने एसबीआई (State Bank of India) के नेतृत्व वाले भारतीय बैंकों के समूह की उस याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी, जिसमें कर्ज के बोझ से दबे कारोबारी को दिवालिया घोषित करने की मांग की गई है ताकि उससे तकरीबन 1.145 अरब पाउंड का कर्ज वसूला जा सकें. उच्च न्यायालय की दिवालिया शाखा के न्यायाधीश माइक ब्रिग्स ने माल्या को राहत देते हुए कहा कि जब तक भारत के उच्चतम न्यायालय (Supreme Court of India) में उनकी याचिकाओं और कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष समझौते के उनके प्रस्ताव का निपटारा नहीं हो जाता तब तक उन्हें वक्त दिया जाना चाहिए.

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‘चीफ इन्सोल्वेंसी एंड कंपनी कोर्ट’ के न्यायाधीश ब्रिग्स ने बृहस्पतिवार को दिए अपने फैसले में कहा कि इस समय बैंकों को इस तरह की कार्रवाई आगे बढ़ाने का मौका देने की कोई वजह नहीं है. गौरतलब है कि भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के समूह ने माल्या को दिवालिया घोषित करने का अनुरोध किया है ताकि उस पर बकाया करीब 1.145 अरब पाउंड का कर्ज वसूला जा सके.

इससे पहले विजय माल्या (Vijay Mallya) ने ३१ मार्च को अपना सारा कर्ज लौटाने की पेशकश की थी. विजय माल्या ने ट्विट करके कहा है कि बैंक और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इसमें उसकी मदद नहीं कर रहे हैं. भगोड़ा घोषित हो चुका शराब कारोबारी विजय माल्या ने लिखा, "भारत सरकार ने पूरे देश को लॉकडाउन (Corona Lockdown) किया है, जो किसी ने सोचा नहीं था. हम इसका सम्मान करते हैं, लेकिन इसकी वजह से मेरी सभी कंपनियों का काम बंद हो गया है. सभी तरह का उत्पादन भी बंद है. इसके बावजूद हम अपने कर्मचारियों को घर नहीं भेज रहे हैं और उसकी कीमत चुका रहे हैं. सरकार को हमारी मदद करनी चाहिए."

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माल्या ने यह भी लिखा कि वह कई बार ऐसा ऑफर दे चुका है कि वह बैंक का सारा पैसा लौटाने के लिए तैयार है लेकिन ना तो बैंक पैसा लेने को तैयार हैं और ना ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी). माल्या ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि वित्त मंत्री इस संकट की घड़ी में मेरी बात सुनेंगी."

(With PTI Inputs)

Source : News Nation Bureau

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