ब्रिटन चुनावों में कंज़रवेटिव पार्टी की करारी हार हुई है। ऐसा माना जा रहा था कि थेरेसा मे दोबारा प्रधानमंत्री बन सकती हैं। हांलाकि चुनावों के बाद हुए एग्जिट पोल में बताया जा रहा था कि उनकी पार्टी बहुमत से दूर होगी। फिलहाल कंज़रवेटिव पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
ब्रिटेन में संपन्न हुए आम चुनाव के बाद मतों की गिनती शुरू हो गई है। चुनाव के बाद जारी एग्जिट पोल्स में प्रधानमंत्री थेरेसा मे की सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी को जीतते हुए दिखाया गया है।
शुरूआती रुझानों के मुताबिक लेबर पार्टी बढ़त बनाए हुए है। लेबर पार्टी 119 सीटें जीत चुकी हैं और कंजर्वेटिव 98 पर जीत दर्ज की है। रुझानों को देखते हुए ऐसा लगने लगा है कि हंग एसेम्बली होने की संभावना है।
गुरुवार रात आए एग्जिट पोल के अनुसार हंग पार्लियामेंट रहने की संभावना जताई जा रही है। कुल 650 सीटों में से एग्जिट पोल्स के मुताबिक थेरेसा मे की कंजर्वेटिव पार्टी को 326 सीटें मिल सकती हैं।
LIVE UPDATE:
# लेबर पार्टी के खाते में आईं 232 सीटें
# विपक्षी लेबर पार्टी के खाते में 226 सीटें। स्कॉटिश नैशनल पार्टी 32 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर है।
# अभी तक 650 में से 520 सीटों के नतीजे घोषित। सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी ने 243 सीटें जीतीं।
# थेरेसा मे ने कहा, हार के बावजूद कंज़रवेटिव पार्टी स्थिरता के लिये काम करेगी
# ब्रिटेन के लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने पीएम थेरेसा मे का चुनावों में हार के बाद मांगा इस्तीफा
बता दें कि इससे पहले हुए चुनाव 2015 में उन्हें 331 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं विपक्षी नेता जेर्मी कोबिन को इस बार 266 सीटों पर जीतने की उम्मीद है। पिछले चुनाव में उन्हें 232 सीटें मिली थी।
एग्जिट पोल के मुताबिक यूके इंडिपेंडेंस पार्टी (यूकेआईपी) का सूपड़ा साफ होने का अनुमान लगया जा रहा है। एग्जिट पोल्स के मुताबिक यूकेआईपी का एक भी सांसद निर्वाचित नहीं होगा जबकि स्कॉटिश नैशनल पार्टी (एसएनपी) को 34 सीटें मिलने की संभावना है।
वहीं लिबरल डेमोक्रेट्स पार्टी को 14 और ग्रीन पार्टी को एक सीट पर संतोष करना पड़ सकता है। हालांकि वोटों की गिनती के बाद सीटों में उलटफेर हो सकता है।
3 साल में ब्रिटेन के इस चौथे बड़े चुनाव में 4.6 करोड़ लोग ने भाग लिया। इनमें से 15 लाख मतदाता भारतीय मूल के हैं। इससे पहले वर्ष 2014 में स्कॉटलैंड की स्वतंत्रता के लिए जनमत संग्रह हुआ था, वर्ष 2015 में आम चुनाव हुआ था और वर्ष 2016 में ब्रेग्जिट के मुद्दे पर मतदान हुआ था।
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Source : News Nation Bureau