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कुलभूषण जाधव मामलाः वकील हरीश साल्वे बोले- अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में पाकिस्तान का झूठ हुआ बेनकाब

अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में कुलभूषण जाधव मामले में बुधवार को भारत को बड़ी जीत हासिल हुई.

Updated on: 18 Jul 2019, 08:24 AM

नई दिल्ली:

Harish Salve on Kulbhushan Jadhav Case: अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में कुलभूषण जाधव मामले में बुधवार को भारत को बड़ी जीत हासिल हुई. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाते हुए पाकिस्तान को इस सजा की समीक्षा और दोबारा विचार करने का आदेश दिया है. इस मामले में अहम भूमिका निभाई वकील हरीश साल्वे ने प्रेसवार्ता की और आईसीजे के फैसले से जुड़ी बातों को बताया. उन्होंने कहा, अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में पाकिस्तान का झूठ बेनकाब हो गया है. इस मामले में भारत को जीत और पाकिस्तान को हार मिली है.

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कुलभूषण जाधव मामले में भारत के वकील हरीश साल्वे (Harish Salve) ने फैसले का स्वागत किया और कहा कि अदालत ने कुलभूषण जाधव को फांसी देने से बचा लिया. हरीश साल्वे ने कहा कि आईसीजे में पाकिस्तान ने कहा कि भारत इस मामले में सहयोग नहीं कर रहा है. आईसीजे ने इस आरोप को खारिज कर दिया. उन्होंने आगे कहा, पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में बार-बार इस बात को दोहराता है कि उसने जो दावा किया था, पासपोर्ट जाधव के पास से बरामद हुआ था. हालांकि, अदालत ने पाकिस्तान के इस तर्क को खारिज कर दिया.

हरीश साल्वे मामले में फैसला आने के बाद लंदन में मीडिया के सामने आए. यहां उन्होंने सुनवाई के दौरान अपने अनुभव साझा किया. हरीश साल्वे ने कहा, 'जिस तरह से आईसीजे ने मामले में हस्तक्षेप किया, मैं अपने देश की ओर से उन्हें धन्यवाद देता हूं. इससे कुलभूषण जाधव को दी गई मौत की सजा पर रोक लग सकी.

हरीश साल्वे ने कहा, पाकिस्तान बार-बार अपने एक ही दावे पर अड़ा रहा कि उसने जाधव के पास से पासपोर्ट जब्त किया है. कोर्ट न केवल इस बात की तह पर गई बल्कि पाकिस्तान की इस बात को खारिज कर दिया कि जाधव की राष्ट्रीयता अनिश्चित है.

भारत के वकील हरीश साल्वे ने कहा, उन्होंने (आईसीजे) कहा, पाकिस्तान के संविधान के अनुसार एक निष्पक्ष परीक्षण है. यदि यह मामला फिर से उन्हीं नियमों के साथ सैन्य अदालत में गया जहां बाहरी वकीलों को अनुमति नहीं है, हमें अनुमति नहीं है. एक्सेस नहीं दी गई है, सुबूत नहीं दिए गए हैं. यह मानकों के अनुरूप नहीं है.

उन्होंने आगे कहा, मैं व्यक्तिगत रूप से संतुष्ट हूं कि पाकिस्तान ने कई सारे विशेषणों का इस्तेमाल किया, यहां तक कि अदालत में जवाब देने में भी मैं उन्हें दुर्भाग्यपूर्ण मानता हूं. मैंने कहा कि यह मेरी परवरिश और भारत की परंपरा है जिसने मुझे उन्हें उनकी ही भाषा में जवाब नहीं देने दिया.

गौलतलब है कि कुलभूषण जाधव पाकिस्तान की जेल में बंद है. कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी. इसके बाद भारत ने मई 2017 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. अब अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने कुलभूषण जाधव पर फैसला सुनाते हुए फांसी पर रोक लगा दी है और पाकिस्तान को इस पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है.

पाकिस्तान अब कुलभूषण जाधव को फांसी नहीं दे सकता है. अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के कुल 16 जजों में से 15 ने भारत के पक्ष में फैसला दिया है. कोर्ट में पाकिस्तान एक जज ने भारत के विरुद्ध फैसला दिया है. अब इस मामले पर दोबारा सुनवाई होगी.