चांद से 382 किलो मिट्टी धरती पर लाई गई, जानें NASA ने क्या किया

1969 में नासा ने अपोलो-11 मिशन को लांच किया था. ऐसा यह पहला मिशन था जब किसी मानव ने चांद की सतह पर कदम रखा.

1969 में नासा ने अपोलो-11 मिशन को लांच किया था. ऐसा यह पहला मिशन था जब किसी मानव ने चांद की सतह पर कदम रखा.

author-image
Mohit Saxena
एडिट
New Update
moon soil

moon soil( Photo Credit : social media )

चंद्रयान-3 की सफलता को देखते हुए अब ऑस्ट्रेलिया ने भी रोवर भेजने की घोषणा कर दी है. यह रोवर नासा के महत्वाकांक्षी मून मिशन आर्टेमिस के साथ जाने वाला है. आर्टेमिस नासा का ऐसा मानव मिशन होगा, जो चांद के साउथ पोल पर उतरने वाला है. ये कई अहम खोज करेगा. नासा आज से कई वर्षों पहले चांद से 382 किलो मिट्टी धरती पर ला चुका है. गौरतलब है कि 1969 में नासा ने अपोलो-11 मिशन को लांच किया था. ऐसा यह पहला मिशन था जब किसी मानव ने चांद की सतह पर कदम रखा. नील आर्मस्ट्रांग और एडविन एल्ड्रिन इसी मिशन का हिस्सा थे. उस वक्त वे 12 किलो चांद की मिट्टी को लेकर आए.

Advertisment

इसके बाद तीन साल बाद नासा ने मून मिशन को ​लांच किए और करीब 300 किलो मिट्टी चांद पर लाई गई. आइए यह जानने की कोशिश करते हैं कि आखिरकार अपोलो मिशन से लाई चांद की मिट्टी अब कहां हैं. नासा ने क्या किया. 

दुनिया भर में बांटे थे नमूने

नासा को अपोलो मिशन से जो मिट्टी मिली थी, वह दुनिया भर में रिसर्च लिए बांटी गई थी ताकि दुनिया भर के वैज्ञानिक चंद्रमा के  रहस्यों को खंगाल सकें. भारत को भी उस समय 100 ग्राम चांद की मिट्टी सौंपी गई थी. इस मिट्टी का थोड़ा सा नमूना मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च और अहमदाबाद स्थित फिजिकल रिसर्च लैब में रखा है. 

Source : News Nation Bureau

newsnation newsnationtv Moon Mission NASA moon soil apollo Apollo mission
      
Advertisment