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जानिए किस तरह आतंकी संगठन ISIS बनाता है बच्चों को आत्मघाती हमलावर

दुनिया में अनगिनत बच्चों की आंखों में मौत का जूनून भर देने आतंकी संगठन आइएसआई दुनिया के लिए दहशत का दूसरा नाम बन चुका है।

Updated on: 13 Nov 2016, 11:56 AM

नई दिल्ली:

दुनिया में अनगिनत बच्चों की आंखों में मौत का जूनून भर देने वाले आतंकी संगठन आइएसआई दुनियां के लिए दहशत का दूसरा नाम बन चुका है। ऑपरेशन बेबी बम के जरिए मासूमों को आत्मघाती हमलावर बनाने की बात हो या उनसे सैकड़ो लोगों पर गोली चलवाने की बात यह आतंकी संगठन बच्चों का अपहरण कर उनमें नफरत का बीज बोने का काम करता रहता है। आतंकी संगठन बच्चों को अगवा कर उनका ब्रेनवॉश करता है और फिर उनका इस्तेमाल दुनिया भर में दहशत फैलाने के लिए किया जाता है।

कैसे करता है बच्चों का ब्रेनवॉश

आतंकी संगठन बच्चों को फौजी बनाने की बात कहता है। बच्चों को कब्स ऑफ द खैलिफेट यानी बगदादी की हुकूमत के सैनिक के तौर पर बुलाता है और उनका ब्रेनवॉश कर उन्हें मौत के लिए तैयार करता है। 

किस तरह की दी जाती है ट्रेनिंग

आईएस बच्चों को मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग देता है। ट्रेनिंग के दौरान उन्हें पुराने लड़ाकों से निर्देश मिलता है। बच्चों को बम बनाना भी सिखाया जाता है। लड़कियों को खाना बनाना, सफाई करना और अपने भविष्य के पति 'जिहादियों' की देखभाल करना सिखाया जाता है। यूरोपोल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चियों को सिखाया जा रहा है कि उनके होने वाले बच्चों को कैसे आईएस की विचारधारा से जोड़ा जाए।

उन्हें हर दिन बंदूक चलाना और चाकू से वार करने की प्रैक्टिस कराई जाती थी। बच्चों को शिया मुस्लिम, इराकी कुर्दिस्तान की पेशमेर्गा फोर्सेस के खिलाफ भड़काया जाता था। आतंकी बच्चों को कहते हैं कि बार बार बताते हैं कि वो एक यजीदी और काफिर हैं। वो लोग उन्हें सच्चे धर्म (सुन्नी मुस्लिम) में कन्वर्ट करेंगे तो तुम जन्नत जाओगे।

चाइल्ड एप्प के ज़रिए जोड़ता है बच्चों को

आतंकी संगठन ने चाइल्ड एप्प लॉन्च कर रखा है और इसके ज़रिए अरबी सिखाने के बहाने मासूमों को जेहाद सिखा रहा है।इस एप के शब्द्कोश में 'टैंक', 'गन' और 'रॉकेट' खौफनाक अस्लहों के नाम शामिल हैं, जिनसे बच्चों बचपन से ही हथियारों की लत लग जाए और हथियारों के साथ-साथ उन्हें जेहाद के लिए भी तैयार किया जा सके. ऐप का थीम ही पूरी तरह जेहादी है।

सोशल मीडिया का करता है इस्तेमाल

सोशल मीडिया के ज़रिए बच्चों को बहकाने की कोशिश करता है। बच्चों को पैसे और तमाम और तरह के लालच देकर आईएस ज्वाइन करने की पेशकश करता है। इन मासूमों के दिमाग में नफरत का ज़हर इस कदर भरा जाता है कि वो इस गुनाह को इंसाफ मानने लगते हैं।