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पाकिस्तान को हो सकता है तालिबान से खतरा( Photo Credit : News Nation)
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अफगानिस्तान के बाद अब पाकिस्तान पर तालिबान का गहरा प्रभाव पड़ सकता है. तमाम सुरक्षा विशेषज्ञ ये कयास लगा रहे हैं कि तालिबान से ज्यादा खतरा भारत को नहीं, बल्कि पाकिस्तान को हो सकता है.
पाकिस्तान को हो सकता है तालिबान से खतरा( Photo Credit : News Nation)
अफगानिस्तान के बाद अब पाकिस्तान पर तालिबान का गहरा प्रभाव पड़ सकता है. तमाम सुरक्षा विशेषज्ञ ये कयास लगा रहे हैं कि तालिबान से ज्यादा खतरा भारत को नहीं, बल्कि पाकिस्तान को हो सकता है. इसके पीछे की वजह ये है कि अफगानिस्तान की सीमाओं से पाकिस्तान सटा हुआ है. ऐसे में यदि तालिबान अपनी सीमाओं का विस्तार करने की कोशिश करता है, तो पहले पाकिस्तान की सीमाओं पर ही धावा बोल सकता है. वैसे भी इतिहास गवाह रहा है कि पाकिस्तान ने जिन आतंकी संगठनों को पनपने और फलने-फूलने के लिए आश्रय दिया है, उन्होंने पाकिस्तान को नुकसान ही पहुंचाया है.
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इस दौरान अफगानी तालिबान नेता और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ भीषण हमले करने वाले तहरीक-ए-तालिबान (TTP) आतंकी भी एक साथ नजर आए हैं. जिससे पाकिस्तान और तालिबान के बीच का समीकरण बिगड़ता दिखाई दे रहा है. इस पर पाकिस्तान ने नाराजगी भी जतायी है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह अफगानिस्तान में सत्ता संभालने जा रहे अफगानी तालिबान नेताओं से प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान (TTP) आतंकियों के खिलाफ ऐक्शन लेने के लिए कहेंगे.
शुक्रवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हाफिज चौधरी ने कहा, 'पाकिस्तान तहरीक-ए-तालिबान (TTP) के अफगान जमीन का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को चलाने में करता रहा है. इस मुद्दे को तहरीक-ए-तालिबान (TTP) अफगानिस्तान की पिछली सरकार के सामने उठाता रहा है. संभव है कि अफगानिस्तान की नई सरकार के सामने भी आने वाले समय में तहरीक-ए-तालिबान (TTP) इस मुद्दे को उठाता रहेगा. साथ ही यह सुनिश्चित करेगा कि टीटीपी को अफगानिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ गतिविधियां चलाने के लिए जगह नहीं मिल पाए.'
चर्चा का विषय यह है कि पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब पाकिस्तान के बेहद शक्तिशाली सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने तालिबान को उसके वादे की याद दिलाई है. तालिबान सरकार को मान्यता देने के सवाल पर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बड़ा गोलमोल जवाब दिया. सूत्रों की मानें, तो बाजवा ने तालिबान से मांग की है कि वे अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी तीसरे देश में आतंकी गतिविधियों को चलाने में नहीं होने दें. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में स्थायी शांति के लिए राजनीतिक समाधान अनिवार्य है. लेकिन पाकिस्तान के इस कृत्य से यह तो साफ हो गया है कि पाकिस्तान और तालिबान के बीच सब सही नहीं चल रहा है. साथ ही तालिबान को मान्यता देने पर भी पाकिस्तान ने अभी कुछ निश्चित नहीं किया है.
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