अफगान में 'तालिबान के दोस्त' खलीलजाद का इस्तीफा
ब्लिंकन ने यह जानकारी दी है कि अफगान शांति प्रक्रिया में अमेरिका की तरफ से नियुक्त किए दूत, जलमय खलीलजाद ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि खलीलजाद अमेरिका की राजनयिक विफलताओं का सबसे बड़ा कारण हैं.
New Delhi:
ब्लिंकन ने यह जानकारी दी है कि अफगान शांति प्रक्रिया में अमेरिका की तरफ से नियुक्त किए दूत, जलमय खलीलजाद ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. ब्लिंकन को दिए गए अपने पत्र में खलीलज़ाद ने कहा कि अफगानिस्तान की नई नीतियों के दौरान उन्होंने अलग हटने का फैसला किया है. उन्होंने बताया कि अफगान सरकार और तालिाबन के बीच राजनीतिक व्यवस्था कल्पना के मुताबिक पूरी नहीं हो पाई है. खलीलजाद पर कई अधिकारियों ने तालिबान से दोस्ती का आरोप भी लगाया है. कई अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि खलीलजाद अमेरिका की राजनयिक विफलताओं का सबसे बड़ा कारण हैं. उन्होंने अफगान सरकार को कमजोर किया और अमेरिकी सरकार की बातों को सुनने में बहुत कम दिलचस्पी दिखाई.
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खलीलजाद की जगह अब थॉमस वेस्ट को नियुक्त किया गया है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अपने बयान में इस बात की घोषणा की है. बता दें कि अमेरिका के विशेष दूत के तौर पर खलीलजाद अफगान नेताओं से शांति वार्ता पर चर्चा करने के लिए नियुक्त किए गए थे. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से नियुक्त किए गए खलीलजाद ने ही साल 2020 में दोहा में तालिबान के साथ हुई शांति वार्ता को अमेरिका की तरफ से अगुवाई की थी.
वर्तमान और पूर्व अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि खलीलज़ाद तीन साल अपनी भूमिका में रहे थें, वह हाल में अमेरिका की सबसे बड़ी राजनयिक विफलताओं में से एक हैं. अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि अनुभवी अमेरिकी राजनयिक ने आतंकवादी समूह से फायदा उठाना छोड़ दिया था, उन्होंने लगातार अफगान सरकार को कमजोर किया और अमेरिकी सरकार में विभिन्न बातों को सुनने में बहुत कम दिलचस्पी दिखाई.
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कुछ अधिकारियों, सांसदों और विदेश नीति विशेषज्ञों ने कहा कि उन्होंने तालिबान के साथ संबंध रखा था जो की कुछ अमेरिकी राजनयिकों में से एक हैं और सीधे तौर पर सिर्फ ट्रंप और बाइडन के आदेशों का पालन कर रहे थे जिन आदेशों में साफ़ था कि सभी अमेरिकी सैनिकों को अफगानिस्तान से बाहर निकाला दिया जाए.
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