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Kenya Protest ( Photo Credit : Social Media)
Kenya Anti Tax Protest: अफ्रीकी देश केन्या में टैक्स में बढ़ोतरी के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोगों को विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा. इस विरोध प्रदर्शन में अब तक कई लोगों की जान चली गई है जबकि कई लोग घायल भी हुए हैं. राष्ट्रीय अधिकार निगरानी संस्था के मुताबिक, नई कर वृद्धि के खिलाफ केन्या में हाल ही में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में कम से कम 39 लोगों की जान चली गई है. वहीं कार्यकर्ताओं ने केन्या में इस सप्ताह एक नए दौर के विरोध प्रदर्शन के लिए भी तैयारी कर ली है. केन्या नेशनल कमीशन ऑन ह्यूमन राइट्स (KNCHR) ने सोमवार को मृतकों की संख्या की घोषणा की. जो सरकार द्वारा बताए गए आंकड़ों से लगभग दो गुनी है. जिसे अब वापस ले लिया गया है.
600 से ज्यादा लोगों को किया गया गिरफ्तार
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि कर दरों में वृद्धि के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों में 39 लोग मारे गए हैं और 361 घायल हुए हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य वित्त पोषित निकाय ने एक बयान में कहा कि आंकड़े 18 जून से 1 जुलाई तक मारे गए लोगों के हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस ने विरोध प्रदर्शन के दौरान 627 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया है. इसके अलावा, ज्यादातर युवा जेन-जेड प्रदर्शनकारियों के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर शांतिपूर्ण कर-विरोधी रैलियां कर रहे हैं.
राजधानी नैरोबी में फूटा लोगों का गुस्सा
बता दें कि टैक्स में बढ़ोतरी के बाद केन्या की राजधानी नैरोबी में लोग सड़कों पर उतर आए और टैक्स विरोध के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने संसद परिसर में तोड़फोड़ की और आंशिक रूप से आग लगा दी. इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं. इस विरोध प्रदर्शन को राष्ट्रपति विलियम रुतो की सरकार के सामने सबसे गंभीर संकट माना जा रहा है, क्योंकि उन्होंने सितंबर 2022 में एक ऐसे देश में गहरे विभाजनकारी चुनाव के बाद पदभार संभाला था, जिसे अक्सर अशांत क्षेत्र में स्थिरता का प्रतीक माना जाता है.
राष्ट्रपति रुतो ने रविवार को एक टेलीविजन साक्षात्कार में कहा कि विरोध प्रदर्शन में 19 लोग मारे गए, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके "हाथों पर खून नहीं लगा है" और उन्होंने मौतों की जांच का वादा किया. मानवाधिकार संस्था ने कहा, "केएनसीएचआर प्रदर्शनकारियों, चिकित्सा कर्मियों, वकीलों, पत्रकारों और चर्चों, चिकित्सा आपातकालीन केंद्रों और एम्बुलेंस जैसे सुरक्षित स्थानों पर की गई अनुचित हिंसा और बल की सबसे कड़े शब्दों में निंदा करना जारी रखता है."
Source : News Nation Bureau