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पाकिस्तान सरकार भारत के दावों को ग़लत ठहराते हुए बार बार दावा करती है कि उनकी ज़मीन से किसी भी आतंकी संगठन को पोषित नहीं किया जा रहा है।
हाल ही में एक वीडियो सामने आया है जिसने एक बार फिर से पाकिस्तान के दावों की पोल खोल दी है।
इस वीडियो से पता चलता है कि पाकिस्तान अब तक प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) और फलाह-ए-इंसानियत (एफआईएफ) को आर्थिक मदद दे रहा है।
हालांकि पाकिस्तान सरकार ने पहले दावा किया था कि इन दोनों आतंकी संगठनों को किसी तरह की मदद नहीं दी जा रही है और इसे बैन कर दिया गया है।
जेयूडी और एफआईएफ के अंतर्गत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर(PoK) में 300 से अधिक सेमिनरी, स्कूल, अस्पताल, एक प्रकाशन हाउस और एम्बुलेंस सेवाएं चलाई जा रहीं हैं।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र ने इन दोनों आतंकी संगठनों को अंतर्रराष्ट्रीय आतंकी समूह (ग्लोबल थ्रेट) करार दिया है।
लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक हाफिज सईद जेयूडी और एफआईएफ संगठन चला रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने हाफिज सईद को 2012 में आतंकवादी घोषित कर दिया था, साथ ही उस पर 1 करोड़ का इनाम भी रखा है।
वीडियों से पता चलता है कि अभी भी जेयूडी और एफआईएफ के ऑफिस बहावलपुर, रावलपिंडी, लाहौर, शेखपुरा, मुल्तान, पेशावर, हैदराबाद, सुक्कुर और मुजफ्फराबाद में चलाये जा रहे हैं।
Offices and charities run by banned organisations Jamaat-ud-Dawah (JuD) and Falah-e-Insaniat (FIF) active in Pakistan's Bhawalpur, Rawalpindi, Lahore, Sheikhupura, Multan, Peshawar, Hyderabad, Sukkur and Muzaffarabad. These charities are headed by Lashkar-e-Taiba's Hafiz Saeed. pic.twitter.com/0JINOYfVK2
— ANI (@ANI) February 24, 2018
जेयूडी के बहावलपुर शाखा में सीनियर अधिकारी अबु हुरैरा ने पाकिस्तान सरकार के फ़ैसले का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि उनका संगठन धर्मार्थ गतिविधियों और दीनी (धार्मिक) कार्यों के लिए काम करता है। लेकिल पाकिस्तान सरकार उनके संगठन के साइन बोर्ड को औक़्फ बोर्ड से बदल रही है।
उन्होंने कहा, 'सरकार ने जेयूडी और एफआईएफ की धार्मिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है और मदरसों, अस्पतालों और स्कूलों पर औक़्फ बोर्ड का साइन लगा दिया है। पंजाब सरकार के अधिकारियों का कहना है कि चूंकि संयुक्त राष्ट्र ने जेयूडी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, इसलिए वे अपने सीनियर के निर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य हैं।'
उन्होंने आगे कहा कि जेयूडी और एफआईएफ दोनो संगठन कश्मीर और थरपारकर में राहत कार्य करती है। हमारा संगठन मानवता और आम लोगों के हित में काम करती है। इस दौरान हमने कई लोगों की जान भी बचाई है।
उन्होंने कहा, 'हमारे लोग उन क्षेत्रों में भी राहत कार्य पहुंचाने का काम करती है जहां कोई भी जाने की हिम्मत नहीं करेगा। हमारे लोग सबसे पहले पहुंच कर पीड़ित लोगों की मदद करते हैं। इस संगठन से हज़ारों लोग जुड़े हुए हैं, ऐसे में अगर इन दोनों संगठन को बैन किया गया तो कई लोगों से रोज़गार छिनने का भी ख़तरा है।'
इतना ही नहीं उन्होंने पाकिस्तान सरकार पर विफलता का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार जान-बूझ कर जेयूडी और एफआईएफ को टारगेट कर रही है।
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उन्होंने कहा, 'हमलोग पिछड़े समुदाय के लोगों की मदद करते हैं जहां पर सरकार द्वारा अब तक कोई काम नहीं किया गया। मुझे समझ नहीं आता कि सरकार हमारे संगठन द्वारा चलाए जा रहे स्कूल, मदरसा और अस्पताल को कैसे संभालेगी।'
बता दें कि की जेयूडी और एफआईएफ के बोर्ड कई जगह से हटा दिये गए हैं। बहावलपूर स्थित अक़्सा मस्जि़द का संचालन अब औक़फ डिपार्टमेंट संभाल रही है तो वहीं रावलपिंडी के चक्रा रोड में चल रहे डिस्पेंसरी को पंजाब सरकार स्वास्थ्य विभाग ने अपने हाथ में ले लिया है।
ज़ाहिर है पाकिस्तान ने काफी चालाकी से जेयूडी और एफआईएफ संगठनों द्वारा चलाए जा रहे ट्रस्ट का नाम और बैनर बदल दिया है। लेकिन आज भी यह संगठन सक्रिय है।
पाक सरकार ने जेयूडी को सुझाव दिया है कि वह एम्बुलेंस से अपने संगठन का नाम हटा कर सरकार को सौंप दे।
शुक्रवार को ग्लोबल मनी लांड्रिंग पर नज़र रखने वाली एजेंसी फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने एक बार फिर से तीन साल बाद पाकिस्तान को आतंकी संगठन को वित्तीय सहायता पहुंचाने वाली लिस्ट में डाल दिया गया है।
ऐसे में पाकिस्तान के लिए एक बार फिर से आर्थिक मुसीबत बढ़ सकती है।
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Source : News Nation Bureau