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UNGA में PM मोदी के भाषण की जेपी नड्डा ने की तारीफ, बोली यह बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां शनिवार को पाकिस्तान का नाम लिए बिना अपने पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान की भारत को निशाना बनाने वाली कठोर बयानबाजी को लेकर फटकार लगाई और कहा कि 'प्रतिगामी सोच वाले देश क्या बोलेंगे जो आतंकवाद को एक राजनीतिक उपकरण के रूप

Updated on: 25 Sep 2021, 09:37 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां शनिवार को पाकिस्तान का नाम लिए बिना अपने पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान की भारत को निशाना बनाने वाली कठोर बयानबाजी को लेकर फटकार लगाई और कहा कि 'प्रतिगामी सोच वाले देश क्या बोलेंगे जो आतंकवाद को एक राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं'. इस बीच भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यूएनजीए में पीएम मोदी के संबोधन पर कहा कि UNGA की 76वीं असेंबली में पीएम मोदी का भाषण एक सच्चे राजनेता का बयान है. उनके संबोधन ने देश के सवा अरब लोगों को गोरवान्वित किया है.  बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह से संयुक्त राष्ट्र महासभा में दुनिया का ध्यान वर्तमान के प्रत्येक मुद्दे की तरफ खींचा, वह प्रशंसनीय है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने कोविड मैनेजमेंट, कोविड वैक्सीनेशन, आतंकवाद और समुद्री सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर पूरे विश्व को एकसाथ आने को प्रेरित किया है.  

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के समक्ष 22 मिनट के अपने संबोधन में 'अद्वितीय' पैमाने पर विज्ञान, प्रौद्योगिकी, संस्कृति और समस्या-समाधान क्षमता के संदर्भ में भारत की शक्ति के विचार को सामने रखा। पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि जब भारतीयों की प्रगति होती है तो विश्व के विकास को भी गति मिलती है. मोदी ने अपने संबोधन में कहा, "जब भारत बढ़ता है, तो दुनिया बढ़ती है. जब भारत में सुधार होता है, तो दुनिया बदल जाती है। भारत में हो रहे विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित नवाचार दुनिया में एक बड़ा योगदान दे सकते हैं. हमारे तकनीकी समाधानों की मापनीयता और उनकी लागत-प्रभावशीलता दोनों अद्वितीय हैं."

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आतंकवाद से निपटने पर जोर देते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा, "हमें इस बात के लिए भी सतर्क रहना होगा कि वहां की नाजुक स्थितियों का कोई देश, अपने स्वार्थ के लिए, एक टूल की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश ना करे. इस समय अफगानिस्तान की जनता को, वहां की महिलाओं और बच्चों को, वहां के अल्पसंख्यकों को मदद की जरूरत है और इसमें हमें उन्हें सहायता प्रदान करके अपना दायित्व निभाना ही होगा."