'बढ़िया' रही अमेरिकी डिप्टी NSA दलीप सिंह की भारत यात्रा, White House का दावा
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केट बेडिंगफील्ड की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र से जुड़े मामलों के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह ने अपने भारतीय समकक्षों के साथ सार्थक बातचीत की. मुझे पता है कि बातचीत रचनात्मक थी.'
highlights
- 30 और 31 मार्च, 2022 को दलीप सिंह भारत यात्रा पर पहुंचे थे
- व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केट बेडिंगफील्ड ने जारी किया बयान
- दलीप सिंह ने अपने भारतीय समकक्षों के साथ सार्थक बातचीत की
New Delhi:
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के डिप्टी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर दलीप सिंह (Deputy National Security Advisor Daleep Singh) ने भारत यात्रा में अपने समकक्षों के साथ रचनात्मक बातचीत की. अमेरिका के राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस (White House) ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी. बयान में कहा गया कि दलीप सिंह यूक्रेन पर हमले के विरोध में रूस पर दंडात्मक प्रतिबंध लगाने के बाइेन प्रशासन के प्रयासों का नेतृत्व कर रहे हैं. यूक्रेन के खिलाफ रूस के 'अनुचित युद्ध' के परिणामों और 'इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क' के संबंध में गहन चर्चा करने के लिए 30 और 31 मार्च को दलीप सिंह भारत यात्रा पर पहुंचे थे. दलीप सिंह जी-20 शेरपा भी हैं.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केट बेडिंगफील्ड की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र से जुड़े मामलों के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह ने अपने भारतीय समकक्षों के साथ सार्थक बातचीत की. मुझे पता है कि बातचीत रचनात्मक थी.' बुधवार को नई दिल्ली पहुंचने के बाद दलीप सिंह ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और प्रधानमंत्री कार्यालय, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की.
He also continued our close consultations with Indian counterparts about the destabilizing economic impacts of Russia’s war against Ukraine. He consulted with Indian counterparts on the goals & mechanisms of US sanctions imposed on Russia: White House
— ANI (@ANI) April 1, 2022
रूस और चीन को लेकर दलीप सिंह की दो टूक
अपनी भारतीय यात्रा के दौरान दलीप सिंह ने कहा था कि यूक्रेन के साथ युद्ध में जाने के बाद रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को दरकिनार करने की कोशिश करने वाले देशों को इसके परिणाम भुगतने होंगे. इसके बाद उन्होंने चीन को लेकर भी बातचीत की. उन्होंने कहा कि अगर चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का उल्लंघन करता है यानी भारत में घुसपैठ की कोशिश करता है तो रूस उसकी मदद नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि मॉस्को और बीजिंग अब नो लिमिट पार्टनरशिप में हैं.
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रूस के साथ भारत के ऐतिहासिक-भौगोलिक संबंध
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने रूसी विदेश मंत्री की भारत यात्रा के बारे में एक सवाल पर कहा कि प्रत्येक देश के रूस के साथ अपने संबंध हैं. उन्होंने कहा, 'विभिन्न देशों के रूसी संघ के साथ अपने संबंध हैं. यह एक ऐतिहासिक और भौगोलिक तथ्य है. हम इसको बदलने के लिए काम नहीं कर रहे हैं. भारत या दुनिया भर के अन्य भागीदारों और सहयोगियों के संदर्भ में हम यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय एकजुट होकर आवाज उठाए.
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