बाइडन ने तालिबान को दी सख्त चेतावनी, बंधकों की तुरंत रिहाई को कहा
बाइडन ने सख्त लहजे में तालिबान को चेतावनी दी है कि अमेरिकी या किसी भी निर्दोष नागरिक की सुरक्षा को धमकाना अस्वीकार्य है और बंधक बनाना क्रूरता और कायरता का काम है.
highlights
- अमेरिकी नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी तालिबान के कब्जे में
- एक सिविल इंजीनियर को भी तालिबान ने दो साल से रखा है
- जो बाइडन ने सख्त लहजे में तालिबान को जारी की चेतावनी
वॉशिंगटन:
अफगानिस्तान पर दो दशकों बाद बीते साल तालिबान राज की वापसी और अमेरिका सेना के वहां से हटने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पहली बार तालिबान के खिलाफ कड़ा बयान जारी किया है. अमेरिकी नौसेना के एक रिटायर्ड अधिकारी मार्क फ्रेरिच के बंधक बनाए रखने पर बाइडन ने तालिबान को चेतावनी जारी की है. इसके अलावा बाइडन ने दो साल से बंधक बने एक सिविल इंजीनियर को भी रिहा करने को कहा है. जो बाइडन की इस चेतावनी के बाद तालिबान और अमेरिका के रिश्तों में खाई के और चौड़ा होने की आशंका बढ़ गई है.
तालिबान रिहाई के एवज में चाहता है समझौता
गौरतलब है कि तालिबान राज की वापसी के साथ ही अमेरिका ने अफगानिस्तान के धन को जब्त कर लिया था. तालिबान लगातार इस धन को जारी करने की अपील करता आ रहा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि तालिबान इन कैदियों की रिहाई के बदले में अमेरिका से धन जारी करने का सौदा करना चाहता है. हालांकि बाइडन ने अपने बयान में इसका जिक्र नहीं किया है और अमेरिकी हितों और लोगों से खिलवाड़ नहीं करने की अपील तालिबान की अंतरिम सरकार से की है.
बाइडन ने सख्त लहजे में दी चेतावनी
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने बयान में कहा कि दो साल पहले अमेरिकी नौसेना के दिग्गज मार्क फ्रेरिच को अफगानिस्तान में बंधक बना लिया गया था. इसके साथ ही आम अफगानी लोगों की एक दशक से मदद करते आ रहे एक सिविल इंजीनियर को भी बंधक बनाया गया है. बाइडन ने सख्त लहजे में तालिबान को चेतावनी दी है कि अमेरिकी या किसी भी निर्दोष नागरिक की सुरक्षा को धमकाना अस्वीकार्य है और बंधक बनाना क्रूरता और कायरता का काम है. बाइडेन ने कहा कि तालिबान को तुरंत मार्क को रिहा कर देना चाहिए. इसके बाद ही तालिबान को किसी किस्म की मान्यता या ढिलाई की उम्मीद करनी चाहिए. किसी को बंधक बनाना समझौते लायक मसला नहीं है.
पैसे-पैसे को मोहताज है तालिबान की अंतरिम सरकार
गौरतलब है कि बीते दो दशकों से अफगानिस्तान की नागरिक सरकार को अमेरिका समेत कई देशों से भारी मात्रा में पैसा दिया जाता रहा है. अब तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका ने अपने देश के बैंकों में जमा अफगानिस्तान सरकार के सभी फंड को प्रतिबंधित कर दिया है. इससे तालिबान के समक्ष गंभीर आर्थिक संकट उठ खड़ा हुआ है. हालांकि तमाम देश अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के जरिये आम अफगानियों की मदद कर रहे हैं.
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