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डोनाल्ड ट्रंप का विरोध करते-करते भारत विरोध पर उतरे जो बिडेन, कश्मीर-सीएए पर उलटा राग अलापा

अमेरिका (America) के राष्ट्रपति पद के चुनावों में डेमोक्रेटिक पार्टी के संभावित उम्मीदवार और पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन (Joe Biden) ने कहा कि वह चाहते हैं कि भारत सभी कश्मीरियों के अधिकारों को बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाए.

Updated on: 26 Jun 2020, 10:05 AM

वॉशिंगटन:

अमेरिका (America) के राष्ट्रपति पद के चुनावों में डेमोक्रेटिक पार्टी के संभावित उम्मीदवार और पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन (Joe Biden) ने कहा कि वह चाहते हैं कि भारत सभी कश्मीरियों के अधिकारों को बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाए. उन्होंने असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (NRC) लागू करने के साथ ही नागरिकता (संशोधन) कानून (CAA) को लेकर निराशा जताई. उनके प्रचार अभियान की वेबसाइट पर हाल ही में पोस्ट किए गए ‘जो बिडेन के मुस्लिम अमेरिकी समुदाय के लिए एजेंडा’ यानी नीति पत्र के अनुसार, 'देश में बहुजातीय तथा बहु धार्मिक लोकतंत्र बनाए रखने और धर्मनिरपेक्षता की पुरानी परंपरा को देखते हुए ये कदम असंगत हैं.'

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हिंदू-अमेरिकियों में गुस्सा
इन टिप्पणियों के बाद हिंदू-अमेरिकियों के एक समूह ने भारत के खिलाफ इस्तेमाल की गई भाषा पर नाराजगी जताते हुए बिडेन के प्रचार अभियान संचालकों से संपर्क किया और उनसे इस पर पुन: विचार करने का अनुरोध किया. समूह ने हिंदू-अमेरिकियों पर भी इसी तरह का नीति-पत्र लाने की मांग की. बिडेन के अभियान ने इस संबंध में सवालों का जवाब नहीं दिया है. बिडेन के नीति पत्र में कहा गया है कि वह मुस्लिम बहुल देशों और अच्छी-खासी मुस्लिम आबादी वाले देशों में जो हो रहा है उसे लेकर अमेरिकी मुस्लिमों का दर्द समझते हैं.

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चीन के उइगर मुसलमानों का भी जिक्र
इस नीति पत्र में भारत में कश्मीर और असम से लेकर पश्चिमी चीन में लाखों मुस्लिम उइगरों को जबरन हिरासत में रखने तथा म्यामांर में रोहिंग्या मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचारों का एक साथ जिक्र किया गया है. नीति पत्र में कहा गया है, 'भारत सरकार को कश्मीर के सभी लोगों के अधिकारों को बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए. शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को रोकना या इंटरनेट बंद करना लोकतंत्र को कमजोर करता है.' इसमें कहा गया है, 'जो बिडेन को असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण को लागू करने और उसके बाद वहां जो हुआ उसे लेकर तथा संशोधित नागरिकता कानून को लेकर भारत सरकार द्वारा उठाए कदमों से निराश हुई.'

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भारत के दोस्त रहे हैं बिडेन
नीति पत्र में कहा गया है कि दशकों से अमेरिका के सांसद और आठ वर्षों तक बराक ओबामा के कार्यकाल में उपराष्ट्रपति के पद तक रहने वाले बिडेन को भारत और भारतीय-अमेरिकियों के अच्छे मित्रों में से एक माना जाता है. इसमें कहा गया कि उन्होंने भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते को कराने में अहम भूमिका निभाई थी और उपराष्ट्रपति के तौर पर हर साल 500 अरब डॉलर तक द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने की पैरवी की थी.