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अमेरिका का बड़ा फैसला, तालिबान के खिलाफ जंग में अफगानिस्तान भेजेगा 5000 सैनिक

तालिबान के खिलाफ जंग में अमेरिका अपने 5000 सैनिकों को अफगानिस्तान भेजेगा. अमेरिका के 1,000 कर्मी पहले से अफगानिस्तान में हैं. जो बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा दल के साथ शनिवार को वीडियो कांफ्रेंस की थी.

तालिबान के खिलाफ जंग में अमेरिका अपने 5000 सैनिकों को अफगानिस्तान भेजेगा. अमेरिका के 1,000 कर्मी पहले से अफगानिस्तान में हैं. जो बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा दल के साथ शनिवार को वीडियो कांफ्रेंस की थी.

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Kuldeep Singh
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तालिबान के खिलाफ जंग में अमेरिका अफगानिस्तान भेजेगा 5000 सैनिक( Photo Credit : न्यूज नेशन)

अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा लगातार बढ़ता जा रहा है. तालिबान ने अफगानिस्तान में काबुल को छोड़कर सभी बड़े शहरों पर कब्जा कर लिया है. रविवार को जलालाबाद पर तालिबान का कब्जा हो गया. रविवार सुबह चरमपंथी संगठन ने जलालाबाद पर कब्जा कर लिया जिसके कारण काबुल देश के पूर्वी हिस्से से कट गया है. काबुल के पूर्व में स्थित मैदान बर्दाक भी तालिबान के हिस्से में चला गया है. काबुल के अलावा जलालाबाद ही ऐसा इकलौता प्रमुख शहर था जो तालिबान के कब्जे से बचा हुआ था. इन सब के बीच अमेरिका की जो बाइडन सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. तालिबान के खिलाफ जंग में अमेरिका अपने 5000 सैनिकों को अफगानिस्तान भेजेगा. अमेरिका के 1,000 कर्मी पहले से अफगानिस्तान में हैं. अफगानिस्तान के हालात को लेकर जो बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा दल के साथ शनिवार को वीडियो कांफ्रेंस की थी. 

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इसमें इस बात को लेकर सहमति बनी कि तालिबान के खात्मे के लिए सेना भेजी जाए. इस बैठक के बाद जो बाइडेन ने घोषणा कर दी. रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक पिछले सप्ताह 3,000 और कर्मियों को अफगानिस्तान भेजे जाने का आदेश दिया गया. अब जो बाइडेन ने एक हजार और कर्मियों की तैनाती का आदेश दिया, यानी अफगानिस्तान में अमेरिकी बलों की संख्या 5,000 हो गई है.  

जो बाइडन ने एक बयान जारी कर रहा कि 'हमारे राजनयिक, सैन्य और खुफिया दलों की सिफारिशों के आधार पर, मैंने यह सुनिश्चित करने के लिए लगभग 5,000 अमेरिकी सैनिकों की तैनाती को अधिकृत किया है कि हम व्यवस्थित और सुरक्षित तरीके से अफगानिस्तान से अमेरिकी कर्मियों और अन्य संबद्ध कर्मियों की वापसी सुनिश्चित कर सकें. साथ ही हम हमारे अभियान के दौरान हमारे बलों की मदद करने वाले अफगान नागरिकों और तालिबान के आगे बढ़ने के कारण जिन लोगों को विशेष रूप से खतरा है, उनकी व्यवस्थित एवं सुरक्षित निकासी सुनिश्चित कर सकें.'

गौरतलब है कि दो दशक की लड़ाई के बाद अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटों बलों की संपूर्ण वापसी से पहले तालिबान देश पर हर ओर से कब्जा करता जा रहा है, राजधानी काबुल तेजी से अलग-थलग पड़ती जा रही है और रविवार सुबह चरमपंथी संगठन ने जलालाबाद पर कब्जा कर लिया जिसके कारण काबुल देश के पूर्वी हिस्से से कट गया है. काबुल के पूर्व में स्थित मैदान बर्दाक भी तालिबान के हिस्से में चला गया है. काबुल के अलावा जलालाबाद ही ऐसा इकलौता प्रमुख शहर था जो तालिबान के कब्जे से बचा हुआ था. 

मजार-ए-शरीफ पर कब्जा
अफगानिस्तान के चौथे सबसे बड़े शहर मजार-ए-शरीफ पर शनिवार को चौतरफा हमलों के बाद तालिबान का कब्जा हो गया था और इसके साथ ही पूरे उत्तरी अफगानिस्तान पर चरमपंथियों का कब्जा हो गया.

HIGHLIGHTS

  • काबुल छोड़ सभी बड़े शहरों पर तालिबान का कब्जा
  • अफगानिस्तान में एक हजार अमेरिकी सैनिक पहले से मौजूद
  • जो बाइडन ने उपराष्ट्रपति के साथ बैठक में लिया फैसला
taliban kabul attack America joe-biden American Force
      
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