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पोते-पोतियों ने दादी की उपलब्धि पर मनाया जश्न, जिहादी भुट्टो ने 85 साल की उम्र में करा ग्रेजुएशन

कहते है पढ़ने-लिखने की कोई उम्र नहीं होती है. इस बात को सच कर दिखाया है फिलिस्तीन की रहने वाली जिहादी भुट्टो ने. उन्होंने 85 साल की उम्र में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है. इस उपलब्धि से भुट्टो काफी खुश हैं.

Updated on: 24 Oct 2021, 01:52 PM

यरूशलम:

कहते है पढ़ने-लिखने की कोई उम्र नहीं होती है. इस बात को सच कर दिखाया है फिलिस्तीन की रहने वाली जिहादी भुट्टो ने. उन्होंने 85 साल की उम्र में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है. इस उपलब्धि से भुट्टो काफी खुश हैं. उनके पोते और पोतियों ने भी दादी के हौसले पर जश्न मनाया. बचपन में ही उन्हें 12 साल की उम्र में पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. भुट्टो ने 1948 में स्कूल छोड़ दिया था, इसके बाद 81 साल की उम्र में उन्होंने दोबारा पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया. भुट्टो ने कफ्र बारा सेंटर फॉर इस्लामिक स्ट्डीज में भाषा, धर्म और गणित की पढ़ाई करी है. 85 साल की भुट्टो को डिग्री देते हुए सेंटर बेहद प्रसन्न है. जिहाद भुट्टो ने बताया कि उन्हें पढ़ना बहुत पसंद है. वे कोर्स के साथ दूसरी किताबें पढ़ती थीं. फिर किसी ने उनसे पूछा कि क्या मुझे दाखिला लेना है? इस पर मैंने तुरंत हां बोल दिया.

महिलाओं के लिए बनीं मिसाल

भुट्टो सात बच्चों की मां हैं और पूरी दुनिया में महिलाओं के लिए एक मिसाल बन चुकी हैं.  उन्होंने बताया कि पढ़ाई पूरी होने के बाद लोगों ने सेंटर के डीन से पूछा कि क्या दूसरे छात्र भुट्टो की मदद करते थे? डीन ने कहा कि खुद भुट्टो अलग-अलग विषयों पर छात्रों की मदद करती थीं. भुट्टो लगातार शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही हैं और महिलाओं को शिक्षा के प्रति जागरुक करने में लगी हैं. मिडिल ईस्ट के कई देशों में आज भी महिलाओं को शिक्षा हासिल करने के लिए कई तरह की पाबंदियां हैं. इनमें अफगानिस्तान का नाम भी शामिल हो चुका है। यहां पर तालिबान ने महिलाओं की शिक्षा पर अपने कई नियमों को जबदस्ती थोप दिए हैं.