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जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री से की मुलाकात, इन मुद्दों पर हुई विस्तृत चर्चा

विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने बुधवार को कहा कि रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ उनकी मुलाकात शानदार रही.

Updated on: 09 Sep 2020, 11:16 PM

मॉस्को:

विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने बुधवार को कहा कि रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ उनकी मुलाकात शानदार रही. इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों और वैश्विक हालात पर चर्चा की. जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिये चार दिवसीय यात्रा पर यहां आए हैं.

जयशंकर ने ट्वीट किया कि इस बार व्यक्तिगत रूप से विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मिलकर खुशी हुई. मुलाकात काफी अच्छी रही जो हमारी विशेष एवं गौरवान्वित रणनीतिक साझेदारी को दर्शाती है. इससे पहले जयशंकर ने किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान के अपने समकक्षों के साथ यहां अलग-अलग द्विपक्षीय वार्ता कर इन दोनों मध्य एशियाई देशों के साथ भारत की सामरिक साझेदारी को मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा की.

रूस, भारत, चीन के विदेश मंत्री मास्को में करेंगे मुलाकात :चीनी विदेश मंत्रालय

रूस, भारत और चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्री मास्को में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक से अलग दोपहर भोज के दौरान एक बैठक करेंगे. चीनी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी. विदेश मंत्री एस जयशंकर एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिये चार दिनों के दौरे पर मास्को में हैं.

भारत और चीन, दोनों ही देश एससीओ के सदस्य हैं. रूस की राजधानी में बुधवार से बृहस्पतिवार तक हो रही एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक के मेजबान रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव हैं. चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी एससीओ के सदस्य देशों के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे और आरआईसी विदेश मंत्रियों की दोपहर भोज पर एक बैठक में शामिल होंगे. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने यहां प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी.

आरआईसी ढांचा के तहत तीनों देश के विदेश मंत्री द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अपने हित के अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिये समय-समय पर बैठक करेंगे. हालांकि, झाओ ने कहा कि वह आरआईसी विदेश मंत्रियों की बैठक के समय से अवगत नहीं हैं. एससीओ का गठन 2001 में शंघाई में एक सम्मेलन के दौरान रूस, चीन, किर्गिस्तान, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने किया था. भारत और पाकिस्तान 2005 में पर्यवेक्षक राष्ट्र के तौर पर इसमें शामिल किये गये थे. दोनों देशों को 2017 में संगठन का पूर्ण सदस्य बनाया गया.