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अलग-थलग पड़ रहा तालिबान, सरकार को मान्यता देने से इटली का दो टूक इंकार

इटली (Italy) के विदेश मंत्री लुइगी डि माओ ने तालिबान सरकार को मान्यता देने की संभावनाओं को सिरे से खारिज कर दिया है. हालांकि लुइगी ने तालिबान शासन के बाद रोकी गई आर्थिक मदद को अन्य तरीकों से फिर बहाल करने की पैरवी की है.

Updated on: 27 Sep 2021, 08:33 AM

highlights

  • इटली ने तालिबान सरकार को मान्यता देने से किया इंकार
  • हालांकि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए की अपील
  • सीधे धन देने के बजाय अन्य तरीकों से मदद करने को कहा

रोम:

काबुल (Kabul) पर लगभग दो दशक बाद काबिज होने वाले तालिबान (Taliban) ने वैश्विक समर्थन जुटाने के क्रम में दावा किया था कि इटली अफगानिस्तान (Afghanistan) में फिर से अपना दूतावास खोलेगा. यह अलग बात है कि इटली (Italy) के विदेश मंत्री लुइगी डि माओ ने तालिबान सरकार को मान्यता देने की संभावनाओं को सिरे से खारिज कर दिया है. हालांकि लुइगी ने तालिबान शासन के बाद रोकी गई आर्थिक मदद को अन्य तरीकों से फिर बहाल करने की पैरवी की है. उन्होंने आशंका जाहिर करते हुए कहा कि ऐसा नहीं होने पर अफगानियों का दूसरे देशों में बड़े स्तर पर पलायन शुरू हो सकता है. 

अफगानिस्तान से संभावित पलायन बनेगा गंभीर चुनौती
इटली के राष्ट्रीय टीवी रेय 3 को दिए साक्षात्कार में लुइगी डि माओ ने कहा कि तालिबान की अंतरिम सरकार को मान्यता देने का सवाल ही नहीं उठता. इस अंतरिम सरकार के मंत्रिमंडल में 17 आतंकी हैं. इसके अलावा तालिबान राज में महिलाओं और बच्चों के मानवाधिकारों का लगातार उल्लंघन हो रहा है. ऐसे में कैसे मान्यता दी जा सकती है. हालांकि न्यूयॉर्क में जी-20 की बैठक में शामिल होने वाले लुइगी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि हमें अफगानिस्तान को आंतरिक संघर्ष से बचाना होगा. तालिबान के डर से बड़े स्तर पर होने वाला पलायन अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है. लुइगी ने कहा कि ऐसे कई तरीके हैं जिनके जरिए तालिबान को सीधे तौर पर धन मुहैया कराने के बजाय अवाम के लिए आर्थिक मदद सुनिश्चित की जा सकती है. साथी ही मानवीय आधार पर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर भी सहमति जरूरी है. 

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इटली में तालिबान के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन
इटली के विदेश मंत्री की तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देने की घोषणा से पहले तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने बीते शुक्रवार को दावा किया था कि इटली ने अफगानिस्तान में अपना दूतावास खोलने का वादा किया है. इसके पहले अगस्त में तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद इटली ने भी अन्य देशों की तर्ज पर अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से बाहर निकालने के बाद अपना दूतावास बंद कर दिया था. गौरतलब है कि तालिबान शासन के खिलाफ इटली में शनिवार को अनेक शहरों में हजारों लोगों ने अफगानिस्तान की महिलाओं के समर्थन में प्रदर्शन किए. इसके साथ ही मांग की कि तालिबान के नेताओं पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाया जाए और उनसे कहा जाए कि वे अफगानिस्तान में महिलाओं को शैक्षणिक एवं राजनीतिक जीवन में शामिल होने की अनुमति दें.