logo-image

ब्रिटेन से निकला नया कोरोना वायरस 5 देशों तक फैला, कई देशों में दहशत

इंग्लैंड के कुछ हिस्सों में कोरोना वायरस के एक नए “बेकाबू” प्रकार (स्ट्रेन) के तेजी से पांव पसारने के बीच भारत और फ्रांस भी उन देशों की बढ़ती सूची में शामिल हो गए हैं जिन्होंने ब्रिटेन के लिये अपनी सीमाएं बंद करने का फैसला किया है.

Updated on: 21 Dec 2020, 06:57 PM

लंदन:

इंग्लैंड के कुछ हिस्सों में कोरोना वायरस के एक नए “बेकाबू” प्रकार (स्ट्रेन) के तेजी से पांव पसारने के बीच भारत और फ्रांस भी उन देशों की बढ़ती सूची में शामिल हो गए हैं जिन्होंने ब्रिटेन के लिये अपनी सीमाएं बंद करने का फैसला किया है. जर्मनी, इटली, बेल्जियम, डेनमार्क, बुल्गारिया, आयरिश रिपब्लिक, तुर्की और कनाडा के बाद भारत ने भी ब्रिटेन से विमानों की आवाजाही पर रोक लगा दी है.

डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन के साथ-साथ डेनमार्क, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया और इटली में नए कोरोना वायरस की पुष्टि हो चुकी है.  ब्रिटेन से एक यात्री रोम पहुंचा था, जिसकी वजह से इटली में नया कोरोना वायरस पाया गया है. फ्रांस में भी नए वायरस को लेकर चेतावनी दी गई है.

फ्रांस ने आने-जाने पर पाबंदी लगाते हुए कहरा कि उनके देश में भी आशंका है कि नया कोरोना वायरस पहुंच चुका है. नया कोरोना वायरस अधिक संक्रामक बताया जा रहा है. म्यूटेशन की वजह से नया कोरोना वायरस तैयार हुआ है. ब्रिटेन में बढ़ते मामले के पीछे इसे जिम्मेदार बताया जा रहा है.

वहीं, लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने सोमवार को एक बयान में कहा, “ब्रिटेन में मौजूदा स्थिति पर विचार करते हुए भारत सरकार ने यह फैसला किया है कि ब्रिटेन से भारत के लिये रवाना होने वाली सभी उड़ानें 31 दिसंबर 2020 (रात 11 बजकर 59 मिनट) तक स्थगित रहेंगी.”

इसे भी पढ़ें:ब्रिटेन में कोरोना के नए स्‍ट्रेन पर स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री हर्षवर्धन बोले, सरकार सतर्क है, घबराएं नहीं

नागर विमानन मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 22 दिसंबर को रात 11 बजकर 59 मिनट से ब्रिटेन से आने वाली वाली उड़ान सेवाएं अस्थायी तौर पर स्थगित रहेंगी, जिसके कारण इस अवधि में भारत से ब्रिटेन जाने वाली उड़ानें भी अस्थायी तौर पर स्थगित रहेंगी. इसमें कहा गया कि यह रोक 31 दिसंबर तक रहेगी.

मंत्रालय ने कहा, ‘‘ऐहतियाती कदम के तौर पर ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों की (22 दिसंबर को 23 बजकर 59 मिनट के पहले) हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद आरटी-पीसीआर तरीके से कोविड-19 की जांच अनिवार्य रूप से की जाएगी.’’ ब्रिटेन में श्रेणी-4 के सख्त लॉकडाउन को लागू किया गया है और सभी अनावश्यक यात्राओं व कार्यक्रमों पर प्रतिबंध है. जिन अन्य देशों और क्षेत्रों ने ब्रिटेन की यात्रा पर प्रतिबंध लगाया है उनमें हांगकांग, इजराइल, ईरान, क्रोएशिया, अर्जेंटीना, मोरक्को, चिली और कुवैत शामिल हैं.

ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन सोमवार को सरकार की आपात समिति की एक बैठक की अध्यक्षता करेंगे जिसमें स्थिति की समीक्षा की जाएगी क्योंकि फ्रांस से लगने वाली सीमा पर गाड़ियों का जमावड़ा लग गया है. ट्रकों और अन्य मालवाहक वाहनों के प्रवेश को भी रोक दिया गया है. यूरोपीय संघ (ईयू) के सदस्य राष्ट्रों की एक बैठक भी ब्रसेल्स में होनी है, जिसमें ज्यादा समन्वित प्रतिक्रिया पर चर्चा की जाएगी क्योंकि ब्रिटेन में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 35,928 रही, वहीं कोरोना वायरस के नए स्वरूप का प्रसार तेजी से हो रहा है और 326 और मरीजों की मौत के साथ ही मरने वालों की संख्या बढ़कर 67,401 हो गई.

ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा, “सभी को, खास तौर पर श्रेणी-4 के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को संयम बरतने की जरूरत है क्योंकि वे संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं- यही एक मात्र तरीका है, जिससे हम इसे नियंत्रण में लाने जा रहे हैं.” उन्होंने कहा कि स्थिति “बेहद गंभीर” है और सरकार एक “बेकाबू” वायरस के नए स्वरूप को रोकने का प्रयास कर रही है.

और पढ़ें:भारत ने ब्रिटेन से आने वाली उड़ानें 31 दिसंबर तक निलंबित की

उन्होंने कहा, “यह एक जानलेवा बीमारी है, हमें इसे नियंत्रण में रखने की जरूरत है और इस नए स्वरूप ने इस काम को और मुश्किल बना दिया है.” वायरस का यह नया स्वरूप 70 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है, यद्यपि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कोई साक्ष्य नहीं हैं कि यह ज्यादा जानलेवा है या टीके को लेकर यह अलग तरह की प्रतिक्रिया देगा. इंपीरियल कॉलेज लंदन के

डॉ. एरिक वोल्ज कहते हैं, “यह बताना अभी वास्तव में काफी जल्दी होगा…लेकिन हमने अब तक जो देखा है उसके मुताबिक यह बहुत तेजी से बढ़ रहा है, यह पहले वाले (वायरस के पूर्व स्वरूप) की तुलना में बेहद तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इस पर नजर रखना महत्वपूर्ण है.”

नॉटिंघम विश्वविद्यालय में विषाणुविज्ञानी प्रोफेसर जोनाथन बाल कहते हैं, “सार्वजनिक रूप से अभी जो साक्ष्य उपलब्ध हैं वह इस बात के लिये कोई ठोस राय बनाने को लेकर अपर्याप्त हैं कि क्या इस विषाणु से वास्तव में प्रसार बढ़ा है.” विपक्षी लेबर नेता सर कीर स्टार्मर ने बोरिस जॉनसन पर “घोर लापरवाही” का आरोप लगाते हुए कहा कि महामारी से निपटने के अपने तरीकों को लेकर प्रधानमंत्री को माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश लोग उनकी “अक्षमता” का नुकसान भुगत रहे है और जॉनसन के “अनिर्णय” और “कमजोर नेतृत्व” की वजह से “जान व नौकरियां जा रही हैं”.