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'जो भी खरीदता वही मारा जाता...' इटली के शापित आइलैंड की खौफनाक कहानी

गियोला द्वीप दक्षिण-पश्चिमी इटली में नेपल्स की खाड़ी में अपतटीय स्थित है. यह कई खूबसूरत द्वीपों में से एक जैसा दिखता है, जो टायरानियन सागर के साफ नीले पानी में स्थित है.

Updated on: 26 Feb 2024, 09:39 PM

नई दिल्ली :

गियोला द्वीप (Gaiola Island) दक्षिण-पश्चिमी इटली में नेपल्स की खाड़ी में अपतटीय स्थित है. यह कई खूबसूरत द्वीपों में से एक जैसा दिखता है, जो टायरानियन सागर के साफ नीले पानी में स्थित है. इस उज्ज्वल और धूप वाले द्वीप का एक काला इतिहास है जिसने इसे 'शापित' प्रतिष्ठा दी है. शहरी किंवदंती के अनुसार, जो कोई भी द्वीप का मालिक होता है उसे दुर्भाग्य का सामना करना पड़ता है. द्वीप के पहले ज्ञात मालिक लुइगी नेग्री थे जिन्होंने 1800 के अंत में इस द्वीप को खरीदा था. उन्होंने द्वीप पर एक विला बनवाया जो आज भी वहीं खड़ा है. द्वीप खरीदने के तुरंत बाद, नेग्री ने अपनी सारी संपत्ति खो दी.

यूं शुरू हुआ मौतों का सिलसिला...

1911 में, एक जहाज़ के कप्तान गैस्पारे अल्बेंगा ने द्वीप खरीदने में रुचि दिखाई लेकिन उनका जहाज़ दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से उनकी मृत्यु हो गई. इस द्वीप के अगले अमीर मालिक एक स्विस व्यक्ति हंस ब्रौन थे, जिन्होंने 1920 के दशक में इस द्वीप को खरीदा था. जल्द ही वह मृत पाया गया और गलीचे में लिपटा हुआ पाया गया. बाद में उनकी पत्नी की समुद्र में डूबकर मृत्यु हो गई. द्वीप के अगले मालिक, ओटो ग्रुनबैक की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई जब वह द्वीप के विला में रह रहे थे.

कुछ साल बाद इस द्वीप का स्वामित्व फार्मास्युटिकल उद्योगपति मौरिस-यवेस सैंडोज़ के पास था. सैंडोज़ ने 1958 में स्विट्जरलैंड के एक मानसिक अस्पताल में आत्महत्या करके अपना समृद्ध जीवन समाप्त कर लिया.

द्वीप के नए मालिक जर्मन इस्पात उद्योगपति, बैरन कार्ल पॉल लैंगहेम थे. जब लैंगहेम का व्यवसाय दिवालिया हो गया, तो उसने द्वीप को फिएट ऑटोमोबाइल्स के मालिक जियानी एग्नेली को बेच दिया. कथित तौर पर, जियानी एग्नेली द्वारा द्वीप खरीदने के बाद एग्नेली ने त्रासदियों की एक लंबा सिलसिला देखा. उनके भाई अम्बर्टो एग्नेली की 1997 में एक दुर्लभ प्रकार के कैंसर से मृत्यु हो गई.

इस द्वीप को तब अमेरिकी बिजनेस मैग्नेट जे. पॉल गेटी ने खरीद लिया था. अरबपति का परिवार त्रासदियों की एक सिलसिले में फंस गया था, उनके सबसे छोटे बेटे की 12 साल की उम्र में ब्रेन ट्यूमर से मृत्यु हो गई, जबकि उनके सबसे बड़े बेटे की आत्महत्या कर ली. उनकी दूसरी पत्नी तलिथा की रोम में नशीली दवाओं के अत्यधिक सेवन से मृत्यु हो गई.

1973 में, गेटी के भतीजे का इतालवी माफिया ने अपहरण कर लिया और फिरौती में 2.2 मिलियन डॉलर की मांग की. गेटी परिवार द्वारा अच्छी-खासी फिरौती चुकाने के बाद 16 वर्षीय लड़के को मुक्त कर दिया गया.

द्वीप के अंतिम निजी मालिक एक बीमा कंपनी के मालिक जियानपासक्वेल ग्रैपोन थे. बाद में उन्हें कर्ज न चुकाने के कारण जेल में डाल दिया गया और उनकी पत्नी की एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई. 1978 में, गियोला द्वीप इतालवी सरकार के अधीन आ गया. यह गियोला के अंडरवाटर पार्क (पार्को सोमरसो डि गियोला) के करीब है, जो 100 एकड़ का समुद्री संरक्षित क्षेत्र है जिसका उपयोग अनुसंधान और पर्यावरण शिक्षा के लिए किया जाता है.