नेतन्याहू ने यूरोपीय देशों से यरुशलम में दूतावास लाने का अनुरोध किया

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को यूरोपीय देशों से आग्रह किया कि वे अमेरिका का अनुकरण करते हुए अपने दूतावास तेल अवीव से स्थानांतरित कर जेरुसलम ले आएं

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को यूरोपीय देशों से आग्रह किया कि वे अमेरिका का अनुकरण करते हुए अपने दूतावास तेल अवीव से स्थानांतरित कर जेरुसलम ले आएं

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नेतन्याहू ने यूरोपीय देशों से यरुशलम में दूतावास लाने का अनुरोध किया

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू (फाइल फोटो)

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को यूरोपीय देशों से आग्रह किया कि वे अमेरिका का अनुकरण करते हुए अपने दूतावास तेल अवीव से स्थानांतरित कर यरुशलम ले आएं और इस प्रकार इस पवित्र शहर को यहूदी राज्य की राजधानी की मान्यता प्रदान करें।

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समाचार एजेंसी 'एफे' के मुताबिक ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ (ईयू) के संस्थानों के अपने पहले आधिकारिक दौरे पर पहुंचे नेतन्याहू ने ईयू के विदेश नीति मामलों के प्रमुख फेडेरिका मोघरिनी के साथ प्रेस को एक संक्षिप्त बयान दिया।

68 वर्षीय प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह इजरायली और फिलिस्तीनी समुदायों के बीच शांति बहाल करने की दिशा में पहला कदम है और कहा, 'मेरा मानना है कि सभी या अधिकांश यूरोपीय देश अपने दूतावास जेरुसलम लाएंगे और यरुशलम को इजरायल की राजधानी की मान्यता देंगे।'

उन्होंने कहा, 'यरुशलम इजरायल की राजधानी है और कोई इसे अस्वीकार नहीं कर सकता है। इससे शांति टाली नहीं जाएगी बल्कि इससे शांति कायम करना संभव होगा।'

नेतन्याहू का ब्रसेल्स दौरा उस समय हो रहा है जब क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है और दुनियाभर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से विवादों में रहे पवित्र शहर को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के फैसले की निंदा हो रही है।

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लेकिन, मोघेरिनी ने नेतन्याहू के साथ अपने संबोधन में दोनों देशों के मसले के समाधान के लिए दो स्वतंत्र राष्ट्रों (इजरायल व फिलिस्तीन) के गठन के प्रति ईयू की नीति के पक्के समर्थन को दोहराया।

इस प्रस्तावित समाधान के मुताबिक यरुशलम, इजरायल और फिलिस्तीन दोनों के बीच बंटेगा। यूरोप की इस विदेश नीति का इजहार ब्रिटेन और फ्रांस कर चुके हैं। इन दोनों देशों ने कहा है कि वे जेरुसलम को इजरायल की राजधानी की मान्यता नहीं देंगे।

इजरायल ने 1967 की जंग में फिलिस्तीनी बहुल पूर्वी यरुशलम पर कब्जा कर लिया था। संयुक्त राष्ट्र ने इसे कभी भी इजरायल का क्षेत्र नहीं स्वीकार किया।

नेतन्याहू यहां ईयू के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों से भी बातचीत करेंगे।

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Source : IANS

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