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अफगानिस्‍तान में मानवीय संकट से चिंतित इजराइल, दिया यह बड़ा बयान

तालिबान के कब्जे के बाद अफ​गानिस्तान में तेजी से बिगड़ रहे हालात को लेकर विश्व समुदाय चिंतित है. इस बीच इजराइल ने काबुल में हुए सीरियल बम ब्लास्ट की निंदा की है.

Updated on: 27 Aug 2021, 11:44 PM

नई दिल्ली:

तालिबान के कब्जे के बाद अफ​गानिस्तान में तेजी से बिगड़ रहे हालात को लेकर विश्व समुदाय चिंतित है. इस बीच इजराइल ने काबुल में हुए सीरियल बम ब्लास्ट की निंदा की है. इजराइल ने अफगानिस्‍तान में जारी मानवीय संकट पर चिंता जताई है. भारत में इजराइल की उपदूत रॉनी येडिडिया क्लेन ने एक बयान में कहा कि हम गुरुवार रात को काबुल एयरपोर्ट पर हुए इस आतंकी हमले से स्तब्ध और दुखी हैं. यह बेहद डरावना है. उन्होंने कहा कि हम अफगानिस्‍तान में चल लगातार बढ़ रहे मानवीय संकट को लेकर बहुत काफी चिंतित हैं. क्लेन ने कहा कि अफगानिस्तान में जारी संकट विशेष रूप से महिलाओं और बच्‍च‍ियों को प्रभावित करने वाला है. इसी का नतीजा है कि औरतें अचानक पर्दे में चली गई हैं.

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रॉनी येडिडिया क्लेन ने स्पष्ट किया कि अफगानिस्‍तान में महिलाओं की स्थिति अचानक बहुत ही दयनीय हो गई है. यह एक गहरी चिंता का विषय है. क्लेन ने आगे कहा कि आपको बता दें कि रॉनी येडिडिया क्लेन भारत-इजरायल कृषि परियोजना के लिए आयोजित एक वार्षिक बैठक में बोल रही थीं. वहीं, अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एयरपोर्ट पर हुए सीरियल बम ब्लास्ट ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है. पूरे विश्व समुदाय ने काबुल बम धमाकों की निंदा की है और साथ ही वहां फंसे नागरिकों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई है. इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने बड़ा बयान दिया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को निकालना हमारी प्राथमिका है. बताया गया कि भारत ने अब तक 550 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया है.  ये भारतीय नागरिक अफगानिस्तान से 6 फ्लाइट्स में लाए गए हैं. इसके साथ ही विदेश सचिव अमेरिका जाएंगे. माना जा रहा है विदेश सचिव अमेरिका में अपने समकक्ष से अफगान मुद्दे पर बातचीत कर सकते हैं.

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को कहा कि हमने काबुल या दुशांबे से 6 अलग-अलग उड़ानों में 550 से अधिक लोगों को निकाला है. इनमें से 260 से अधिक भारतीय थे. भारत सरकार ने अन्य एजेंसियों के माध्यम से भारतीय नागरिकों को निकालने में भी मदद की. हम अमेरिका, ताजिकिस्तान जैसे विभिन्न देशों के संपर्क में हैं. बागची ने कहा कि  हम कुछ अफगान नागरिकों के साथ-साथ अन्य देशों के नागरिकों को भी बाहर लाने में सफल रहे. इनमें से कई सिख और हिंदू थे. उन्होंने कहा कि अब मुख्य रूप से, हमारा ध्यान भारतीय नागरिकों पर होगा, लेकिन हम उन अफगानों के साथ भी खड़े होंगे जो हमारे साथ खड़े थे.