इजराइल-हमास के बीच खूनी संघर्ष जारी है. कतर में भारतीयों को मौत की सजा सुनाई गई है. अमेरिकी इकोनॉमी में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. इन घटनाओं का असर अब भारत में देखने को मिल रहा है. इन घटनाओं के कारण निवेशकों में डर का माहौल है. खासतौर पर विदेशी निवेशकों में भय का माहौल है. दरअसल, इन घटनाओं की वजह से विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 20,300 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं. इन घटनाओं की वजह से भारतीय बाजार में बिकवाली तेजी से हो रही है.
विशेषज्ञों का कहना है कि एफपीआई (Foreign portfolio investment) के निवेश का प्रवाह फेडरल रिजर्व की बैठक के वैश्विक आर्थिक घटनाक्रमों पर तय होता है. वहीं शॉर्टटर्म में गल्बोल लेवल पर अनिश्चितता और अमेरिका में ब्याज दरों को लेकर बढ़ोतरी की वजह से एफपीआई सतर्क रुख अपना रहा है.
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इस माह 27 अक्टूबर तक एफपीआई ने 20,356 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं. इससे पहले सितंबर माह में विदेशी निवेशकों में बिकवाली देखी गई थी. सितंबर में भारतीय शेयर बाजार से 14,767 करोड़ रुपये के शेयर बेचे गए. विदेशी निवेशक मार्च से अगस्त तक इससे बीते छह माह के दौरान लगातार भारतीय बाजार में पैसे डाल रहे थे.
इजराइल-हमास संघर्ष का असर
इजराइल हमास के बीच चल रही जंग और इसके बाद कतर की घटना ने असर डाला है. इससे बाजार में नकारात्मक धारणा कायम हुई है. इस साल में अब तक शेयरों में एफपीआई का कुल निवेश एक लाख करोड़ रुपये रहा है. बॉन्ड बाजार में निवेश 35,200 करोड़ रुपये ज्यादा रहा है. विदेशी निवेशक मुख्य रूप से वित्तीय और सूचना प्रौद्योगिकी शेयरों में बिकवाली कर रहे हैं. आपको बता दें कि इजरायल और हमास के युद्ध में हजारों लोगों की जान जा चुकी है. दोनों देशों की अर्थव्यवस्था के साथ दुनिया के कई देशों पर आर्थिक प्रभाव पड़ा है. यह युद्ध जैसे-जैसे खिंच रहा है, वैसे-वैसे आर्थिक मोर्चे पर हालात बिगड़ रहे हैं. हालात सही करने में अभी काफी समय लगेगा. कई देशों ने इस युद्ध के खिलाफ आवाज उठाई है. कुछ देश चाहते यह युद्ध जल्द से जल्द खत्म हो. संयुक्त राष्ट्र ने इस मामले में दखल देते हुए यहां पर सभी देशों को तुरंत सहायता पहुंचाने की अपील की है.
Source : News Nation Bureau