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रूस के विदेश मंत्री के बयान पर भड़का इजराइल, दोनों देशों के बीच बिगड़ सकते हैं रिश्ते

यहूदी विरोधी उस ‘अक्षम्य’ टिप्पणी की निंदा की जा रही है, जिसमें दावा किया गया था कि एडोल्फ हिटलर यहूदी था.

Updated on: 03 May 2022, 09:18 AM

highlights

  • यह घटनाक्रम दोनों देशों के बीच बिगड़ते रिश्ते का संकेत है
  • अब तक इजराइल ने रूस-यूक्रेन युद्ध में खुद को तटस्थ रखने का प्रयास किया है

तेल अवीव:

इजराइल ने सोमवार को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) के एक बयान  की घोर निंदा की है. इसे नाजीवाद (Nazism) से प्रेरित बताया गया. यहूदी विरोधी उस ‘अक्षम्य’ टिप्पणी की निंदा की जा रही है, जिसमें दावा किया गया था कि एडोल्फ हिटलर यहूदी था. इजराइल ने इस टिप्पणी को लेकर रूस के राजदूत को तलब किया और कहा कि टिप्पणी में आरोप लगाया गया है कि यहूदी अपने ही नरसंहार में शामिल थे. यह घटनाक्रम दोनों देशों के बीच बिगड़ते रिश्ते का संकेत है. अब तक इजराइल ने रूस-यूक्रेन युद्ध (Ukraine Russia War) में खुद को तटस्थ रखने का प्रयास किया है.
 
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) ने एक चैनल में दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि यूक्रेन में अब भी कुछ नाजी हो सकते हैं, भले ही देश के राष्ट्रपति (वोलोदिमिर जेंलेंस्की) सहित कुछ लोग यहूदी हों. लावरोव ने कहा, ‘जब वे कहते हैं कि अगर हम यहूदी हैं तो नाजीकरण कैसे हो सकता है? मेरी राय में, हिटलर भी यहूदी मूल का था, इसलिए इसका कोई मतलब नहीं है. कई बार हमने यहूदी लोगों से सुना है कि यहूदियों के सबसे बड़े दुश्मन यहूदी ही थे.’

इजराइल के विदेश मंत्री यायर लापिड ने लावरोव के बयान को ‘अक्षम्य और निंदनीय तथा भयानक ऐतिहासिक त्रुटि’ करार दिया. हिटलर द्वारा किए गए नरसंहार को देखने वाले एक शख्स के पुत्र लापिड ने कहा, “नरसंहार में यहूदियों ने खुद की हत्याएं नहीं कीं. यहूदियों के प्रति भेदभाव को लेकर  यहूदियों को ही जिम्मेदार ठहराने की टिप्पणी नस्लवाद की निम्नतम स्तर की टिप्पणी है.” इजराइल के पीएम नफ्ताली बेनेट ने भी लावरोव के बयान की निंदा की और कहा, “उनके (लावरोव) के शब्द असत्य हैं और इरादे गलत हैं.”

यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने भी लावरोव के इस बयान की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि एडोल्फ हिटलर और यहूदियों के बारे   में उनके रूसी समकक्ष की हालिया टिप्पणी यहूदियों के प्रति रूस के कुलीन वर्ग के मन में व्याप्त घृणा के भाव को दर्शाती है.