पाकिस्तान के योजना एवं विकास मंत्री अहसान इकबाल ने कहा कि चीन को चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) से बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन पूर्व पीटीआई सरकार की नीतियों और रवैये को देखकर वह हैरान थे।
जियो न्यूज के मुताबिक, इकबाल ने कहा, वे निजी तौर पर कहेंगे कि हम पाकिस्तान की मदद करना चाहते हैं, लेकिन हमें नहीं पता कि सरकार क्या हासिल करने की कोशिश कर रही थी।
इकबाल ने कहा कि पाकिस्तान को विदेशी निवेश में लगभग 40 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। अगर विशेष आर्थिक क्षेत्रों का काम पूरा हो जाता तो यह हाल नहीं होता। उन्होंने कहा कि इस पैसे को अब लाओस, वियतनाम, कंबोडिया और कुछ अन्य देशों में भेज दिया गया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को पद संभाले मुश्किल से दस दिन हुए हैं और उनका पहला काम चीन के विश्वास को फिर से हासिल करने के लिए अरबों डॉलर के सीपीईसी पर काम फिर से शुरू करना है, जो कथित तौर पर इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार के कार्यकाल के दौरान हिल गया था।
जियो न्यूज के मुताबिक, साल 2018 में पीटीआई के सत्ता में आने के बाद तत्कालीन वाणिज्य सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद ने एक ब्रिटिश प्रकाशन को बताया था कि सीपीईसी ने अपने पाकिस्तानी समकक्षों की तुलना में चीनी कंपनियों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया।
उन्होंने आगे कहा था कि पीटीआई चीन के साथ पाकिस्तान के सौदों की समीक्षा करेगी और एक-एक साल के लिए सब कुछ रोक देगी।
मीडिया की खबरों के अनुसार, इस टिप्पणी ने बीजिंग को अलग-थलग कर दिया। साथ ही पिछले तीन वर्षो में क्षेत्रीय कॉरिडोर का निर्माण घोंघे की चाल की तरह चल रहा था।
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Source : IANS