अमेरिका में सीनेट की एक बैठक में आतंकवाद पर चर्चा के दौरान पाकिस्तान में आतंकवादियों की मौजदूगी से संबंधित टिप्पणी पर इस्लामाबाद ने निराशा जताई है। हाल में सीनेट की बैठक के दौरान कुछ सांसदों तथा अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के कमांडर जनरल जॉन निकोल्सन ने पिछले सप्ताह कहा कि अफगान तालिबान तथा हक्कानी नेटवर्क ने पाकिस्तान में अभी भी सुरक्षित पनाह ले रखी है।
निकोल्सन ने डोनाल्ड ट्रंप सरकार से पाकिस्तान के साथ संबंधों की 'समग्र समीक्षा' करने पर जोर दिया। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि वह पाकिस्तानी सरजमीं पर आतंकवादी केंद्रों के आरोपों से निराश है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकरिया ने अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान-अमेरिका के संबंधों पर अमेरिका में हुई चर्चा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, 'अमेरिका में हाल में चर्चा के दौरान पाकिस्तान में आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाहों के दावों तथा कटाक्षों को लेकर हम निराश हैं। इसका जमीनी हकीकत से कोई वास्ता नहीं है।'
जकरिया ने एक बयान में कहा कि चर्चा में कई तथ्य सामने आते हैं लेकिन दोषारोपण के लिए पाकिस्तान को छांट लिया जाता है। अफगानिस्तान के मौजूदा हालात के लिए पाकिस्तान पर दोष मढ़ना 'न तो निष्पक्षता है और न ही सही।'
इसे भी पढ़ें: अमेरिका-भारत की व्यापारिक नीतियों पर ट्रंप की नजर टेढ़ी, ले सकते है कड़ा फैसला
प्रवक्ता ने कहा कि इस्लामिक स्टेट (आईएस) समूह तथा तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के बीच गठजोड़ इस्लामाबाद के लिए गंभीर चिंता की बात है। बयान में आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के संघर्षो का जिक्र किया गया है और कहा गया है कि पाकिस्तान में हमले करने वाले आतंकियों को अफगानिस्तान में पनाह मिल रही है।
Source : IANS