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ISIS के आतंकियों ने खाई कसम,अफगानिस्तान को बद से बदतर बनाने वाले पाक को करेंगे बर्बाद

आईएसआईएक-के में शामिल हुए नजीफुल्ला ने एक मीडिया हाउस को बताया कि हम पूरे विश्व में शरिया कानून लागू करना चाहते हैं.

Updated on: 31 Oct 2021, 07:59 PM

highlights

  • ISIS-K का कहना है कि उसका पहला टारगेट पाकिस्तान है
  • तालिबान के काबिज होने के बाद से आईएसआईएस-के ने अपने हमले बढ़ा दिए हैं
  • तालिबान के बड़े नेताओं के साथ पाकिस्तान सरकार और सेना के उच्चाधिकारियों से संबंध हैं

नई दिल्ली:

पाकिस्तान अफगानिस्तान में तालिबान शासन को मान्यता दिलाने की कोशिश कर रहा है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और बड़े नौकरशाह लंबे समय से दुनिया के देशों से बातचीत में लगे है. पाक का कहना है कि तालिबान सरकार को राजनीतिक मान्यता नहीं देने से इसके बुरे परिणाम आ सकते हैं. पाकिस्तान विश्व एजेंसियों से अफगानिस्तान को आर्थिक सहायता देने की भी मांग करता रहा है. लेकिन अभी तक किसी देश ने तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दिया है. और वैश्वि सहायता एजेंसियां अफगानिस्तान को आर्थिक सहायता देने से बच रहे हैं.

पाकिस्तान खुलकर तालिबान के साथ है. तालिबान के बड़े नेताओं के साथ पाकिस्तान सरकार और सेना के उच्चाधिकारियों से संबंध हैं. लेकिन पाकिस्तान तालिबान का साथ देकर बुरे फंस गया है. आतंकी संगठन आईएसआईएस-खुरासन (ISIS-K) ने पाकिस्तान को खुले शब्दों में चेतावनी दी है.आतंकी संगठन का कहना है कि उसका पहला टारगेट पाकिस्तान है. संगठन के आतंकी पाकिस्तान को बर्बाद करना चाहते हैं. क्योंकि, जब अफगानिस्तान  पर तालिबान का शासन था जब पाकिस्तान कहता था कि देश के 80 प्रतिशत हिस्से पर उसका राज है. इसके बावजूद पाकिस्तान अफगानिस्तान के अंदर इस्लाम को लागू नहीं कर पाया. आतंकी संगठन का कहना है कि हम पाकिस्तान को बर्बाद करके ही रहेंगे. 

आतंकी संगठन आईएसआईएस-खुरासन (ISIS-K) दुनिया भर में शरिया कानून लागू करना चाहता है. संगठन ने चेतावनी दी है कि पूरे विश्व में जो कोई भी इस्लाम या कुरान के खिलाफ जाएगा, उसे आईएसआईएस-के का सामना करना पड़ेगा. आईएसआई-के का मानना है कि तालिबान ने अफगानिस्तान को बर्बाद कर दिया है. संगठन का कहना है कि अफगानिस्तान में इस समय हालात बद से बदतर हो गए हैं. देश को बर्बाद करने वाला संगठन एक बार फिर से सत्ता में आ गया है. 

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आईएसआईएक-के में शामिल हुए नजीफुल्ला ने एक मीडिया हाउस को बताया कि हम पूरे विश्व में शरिया कानून लागू करना चाहते हैं. हम चाहते हैं लोग उसी तरह से रहें जैसे हमारे पैगंबर रहते थे. वे जैसे कपड़े पहनते थे, जैसे हिजाब पहनते थे. सब कुछ वैसा ही हो.  उसने कहा कि हम जानते हैं कि अभी हमारे पास लड़ने के लिए बहुत कुछ नहीं है, लेकिन हमें कुछ भी मिलता है तो हम पाकिस्तान जाकर लड़ना चाहते हैं. 

तालिबान से आईएसआईएस-के में शामिल हुए नजीफुल्ला ने बताया कि हमें आईएसआईएस-खुरासन सच्चा लगा. यह संगठन शरिया कानून की बात करता है, जिसे हम लागू कराकर रहेंगे. उसने कहा कि हम तालिबान से संख्या बल में कम जरूर हैं, लेकिन हम मुकाबला करने के लिए तैयार हैं. अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान में तालिबान की संख्या करीब 70 हजार है तो वहीं आईएसआईएस-के के सदस्यों की संख्या दो हजार है. 

अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद से आईएसआईएस-के ने अपने हमले बढ़ा दिए हैं. हमलों में शिया मस्जिदों को निशाना बनाया गया है, जिसमें कई बेगुनाह लोगों की मौत हो गई, इसके अलावा आईएसआईएस-ने तालिबान को भी अपना निशाना बनाया है.