पाकिस्तान की हालत नाजुक दौर से गुजर रही है. पीएम इमरान खान के खिलाफ नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पेश हो चुका है. विपक्षी दलों के साथ ही इमरान खान की पार्टी के कई सांसद उनसे बगावत कर विपक्षी दलों के साथ मिल गए हैं. यह सच है कि संसद में इमरान खान विश्वास मत हासिल नहीं कर सकते हैं. लेकिन वह विपक्षी पार्टियों पर विदेशी ताकतों के इशारे पर काम करने का आरोप लगाकर पाकिस्तान ही नहीं विश्व भर में खलबली मचा दी है.
पीएम इमरान खान लगातार पाकिस्तान में लोकतंत्र और स्वतंत्र विदेश नीति अपनाने पर जोर दे रहे हैं. उनका कहना है कि किसी भी संप्रभु देश की विदेश नीति स्वतंत्र होनी चाहिए. कोई बाहरी देश यह तय नहीं कर सकता कि हम दुनिया के किसी मुद्दे पर क्या राय रखें. इमरान खान का इशारा अमेरिका की तरफ है. अपने भाषणों, वक्तव्यों और प्रेस कांफ्रेंस में भारत औऱ रूस की तारीफ करने से भी नहीं चूक रहे है. वह अमेरिका के साथ ही चीन से भी खासे नाराज है.
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इस्लामाबाद के परेड ग्राउंड रैली में पीएम इमरान खान ने एक दस्तावेज दिखाकर कहा था कि मेरी सरकार गिराने के लिए विदेशी ताकते पाकिस्तान की विपक्ष का इस्तेमाल कर रही हैं. उन्होंने कहा कि, "यहां तक कि हमारी संसद समिति ने भी इस आधिकारिक दस्तावेज को देखा है, जिसमें कहा गया है कि यदि आप इमरान को हटाते हैं तो आपके अमेरिका के साथ अच्छे संबंध होंगे."
विश्वास मत से एक दिन पहले एक सार्वजनिक संबोधन में पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कहा कि, "अगर (विपक्ष के नेता और पीएमएल (एन) नेता) शाहबाज शरीफ ने पदभार संभाला, तो वे अमेरिका की गुलामी करेंगे."
पीएम इमरान खान कुर्सी संकट के बीच लोकतंत्र और स्वतंत्र विदेश नीति की बात कर पाकिस्तान की जनता और बुद्धिजीवियों के बीच बहस को गर्मा दिया है. पीएम इमरान खान की 'स्वतंत्र विदेश नीति' क्या अमेरिका और चीन को छोड़ रूस के करीब आने की कोशिश है. रूस इस मूरे मुद्दे पर क्या पहल करता है, यह तो आने वाला समय तय करेगा. फिलहाल इमरान खान के विदेशी साजिश के बयान से पाक सेना और आईएसआई के साथ ही अमेरिका और चीन को भी नाराज कर दिया है.
HIGHLIGHTS
- विश्वास मत से एक दिन पहले पीएम इमरान खान का सार्वजनिक संबोधन
- इमरान खान का पाकिस्तान में लोकतंत्र और स्वतंत्र विदेश नीति अपनाने पर जोर
- विपक्षी दलों के साथ ही इमरान खान की पार्टी के कई सांसदों ने किया बगावत