logo-image

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग हुए हाउस अरेस्ट? सुब्रमण्यम स्वामी के ट्वीट से सनसनी

आधुनिक चीन के अब तक के इतिहास में शी जिनपिंग जैसा मजबूत नेता कभी नहीं हुआ. वो खुद को लगातार इतना मजबूत करते गए, कि अब माओ से भी बड़े नेता बन चुके हैं. चीन की सत्ताधारी कम्युनिष्ट पार्टी में उनके इशारे के बिना पत्ता भी नहीं हिलता. लेकिन...

Updated on: 24 Sep 2022, 07:37 PM

highlights

  • शी जिनपिंग के हाउस अरेस्ट होने की अफवाह
  • शी जिनपिंग के बारे में 15 सितंबर के बाद से खबर नहीं
  • स्वामी के ट्वीट के बाद चर्चाएं हुईं तेज

नई दिल्ली:

आधुनिक चीन के अब तक के इतिहास में शी जिनपिंग जैसा मजबूत नेता कभी नहीं हुआ. वो खुद को लगातार इतना मजबूत करते गए, कि अब माओ से भी बड़े नेता बन चुके हैं. चीन की सत्ताधारी कम्युनिष्ट पार्टी में उनके इशारे के बिना पत्ता भी नहीं हिलता. लेकिन इन दिनों इंटरनेट पर तेजी से ये खबर फैल रही है कि चीन में तख्तापलट हो चुका है और शी जिनपिंग के हाथ से सारी ताकत छीन ली गई है. अभी तक ये अटकले चीन में ही चल रही थी, लेकिन भारत में भी इस बात की चर्चा होने लगी, खास कर सुब्रमण्यम स्वामी के एक ट्वीट के बाद. 

सुब्रमण्यम स्वामी के ट्वीट के बाद अफवाहों का बाजार गर्म

दरअसल, भारत के पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने शनिवार को एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने उन अफवाहों का जिक्र किया है. जिसमें शी जिनपिंग को हाउस अरेस्ट किये जाने की बात कही जा रही है. उन्होंने इंटरनेट पर चल रही उन चर्चाओं को लेकर कहा कि इस बात की जांच की जानी चाहिए कि क्या वाकई शी जिनपिंग हाउस अरेस्ट कर लिए गए हैं. क्योंकि ऐसी अफवाहे हैं कि उन्हें चीन की कम्युनिष्ट पार्टी ने प्रमुख पद से हटा दिया है. 

बता दें कि शी जिनपिंग 15 सितंबर को एससीओ सम्मेलन में हिस्सा लेने उज्बेकिस्तान के समरकंद में थे. इसके बाद से वो सार्वजनिक जगहों पर दिखे नहीं है. माना ये जा रहा है कि उन्होंने चीन के सख्त कोरोना नीति का पालन करते हुए खुद को आईसोलेट कर लिया है. लेकिन चीनी सोशल मीडिया में इस बात की चर्चा चलने लगी कि उन्हें पद से हटा दिया गया है. 

क्यों उड़ रही हैं ऐसी अफवाहें?

दरअसल, चीन की सत्ताधारी कम्युनिष्ट पार्टी की बड़ी बैठक होने वाली है. जिसमें शी जिनपिंग को और भी व्यापक अधिकार दिए जाने की चर्चा है. शी जिनपिंग मौजूदा समय में चीनी कम्युनिष्ट पार्टी की 7 सदस्यीय पोलित ब्यूरो (Politburo Standing Committee of the Chinese Communist Party) के मुखिया भी हैं. ये 7 सदस्यीय टीम ही चीन से जुड़े हर मसले पर आखिरी फैसला करती है. इस लिस्ट में एक नाम लि केकियांग का भी है, जो चीन के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. सोशल मीडिया पर चर्चाएं चली कि उन्होंने देश की कमान संभाल ली है. लेकिन चीनी कम्युनिष्ट पार्टी के नियमों के मुताबिक ऐसा होना संभव ही नहीं है. इस समय चीन भारत ही नहीं, अपने तमाम पड़ोसियों के साथ उलझा हुआ है. ताइवान की सीमा पर चीनी सेना फॉरवर्ड लाइन पर है. ऐसे समय में अगर तख्तापलट की अफवाह भी फैलती है, तो ये शी जिनपिंग के लिए झटके की तरह ही है. हालांकि न तो चीन की सरकारी मीडिया में इस बारे में कोई चर्चा है और न ही वैश्विक मीडिया में.