ईरान में सरकार के ख़िलाफ़ महिलाओं का जोरदार प्रदर्शन, डेथ टू डिक्टेटर के नारों से गूंज उठा ईरान
ईरान में 22 साल की महिला महसा अमिनी (Mahsa Amini) की पुलिस हिरासत (Police Custody) में मौत के बाद बवाल होना शुरू हो गया है. महसा को न्याय दिलाने की मुहिम अब तेज हो गई है
नई दिल्ली:
ईरान में 22 साल की महिला महसा अमिनी (Mahsa Amini) की पुलिस हिरासत (Police Custody) में मौत के बाद बवाल होना शुरू हो गया है. महसा को न्याय दिलाने की मुहिम अब तेज हो गई है. कई जगहों पर महिलायें सड़कों पर उतर आई हैं और महसा की मौत का विरोध (Protest) कर रहे हैं. यहां तक कि विरोध कर रही महिलाओं ने चेहरे से हिजाब (Hijab) उतारकर और अपने बाल काटते हुए वीडियो पोस्ट कर के अपने कड़े विरोध का प्रदर्शन किया है.
सड़क से सोशल मीडिया तक महिलाओं का गुस्सा
ईरान से आ रही रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक महिलाओं का गुस्सा देखा जा रहा है, जिसने इस्लामिक सरकार को मुसीबत में डाल दिया है और सुरक्षा अधिकारियों को किसी भी विद्रोह का सख्ती से दमन करने के लिए कहा गया है।वायरल सोशल मीडिया वीडियो में महिला प्रदर्शनकारियों ने अमिनी के गृहनगर साघेज़ में विरोध प्रदर्शन के दौरान अपने हिजाब उतार फेंके और अपने बाल काटने का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किये ।
डेथ टू डिक्टेटर के नारों से गूंज उठा ईरान
ईरान के एक पत्रकार (Journalist) और कार्यकर्ता मसीह अलीनेजाद (Masih Alinejad) ने अपने सोशल मीडिया (Social Media) अकाउंट पर विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें साझा की हैं. उन्होंने इन तस्वीरों को साझा करते हुए लिखा है कि ईरान-साघेज की महिलाओं ने 22 साल की महसा अमिनी (Mahsa Amini) की हत्या के विरोध में अपने सिर पर हिजाब (Hijab) हटा दिया है और नारा लगाया तानाशाह को मौत! ईरान में हिजाब हटाना एक दंडनीय अपराध है. हम दुनियाभर में महिलाओं और पुरुषों से एकजुटता दिखाने की अपील करते हैं.
कैसे शुरू हुआ विरोध
आपको बता दें कि, ईरानी महिलाओं का ये गुस्सा उस वक्त फूटा है, जब हिजाब नहीं पहनने की वजह से 22 साल की युवती महसा अमिनी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और फिर पुलिस हिरासत में ही उसकी संदिग्ध मौत हो गई। परिवार का आरोप है, कि पुलिस ने उसे बुरी तरह से प्रताड़ित किया था, जिसकी वजह से वो गंभीर घायल हो गई थी और बाद में उसकी मौत हो गई। मृतका महसा अमिनी की मां ने सीधे तौर पर पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया है, जबकि पुलिस ने आरोपों को नकार दिया है। महसा अमिनी को 13 सितंबर को राजधानी तेहरान में गिरफ्तार किया गया था और 16 सितंबर को उनकी मौत हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक, गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद ही महसा अमिनी की हालत काफी खराब हो गई थी और फिर वो कोमा में चली गईं थीं, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वो अपने परिवार के साथ तेहारान घुमने आईं थीं, जहां से उन्हें हिजाब नहीं पहनने की वजह से गिरफ्तार किया गया था।
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