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इंटरप्रेटर ने तालिबानी राज में छोड़ा देश, 13 साल पहले अमेरिकी राष्ट्रपति को बचाई थी जान  

अफगान इंटरप्रेटर अमन खलीली ने अपने पूरे परिवार के साथ अफगानिस्तान छोड़ दिया है. वह अपने परिवार के साथ इस क्षेत्र को छोड़ने में कामयाब रहा है. इस इंटरप्रेटर ने वर्ष 2008 में तत्कालीन सीनेट जो बाइडेन को अफगानिस्तान के ग्रामीण इलाकों में मदद की थी.

Updated on: 12 Oct 2021, 07:02 PM

highlights

  • जो बाइडेन को अफगानिस्तान के ग्रामीण इलाकों में मदद की थी
  • वर्ष 2008 में एक बर्फ़ीले तूफ़ान की वजह से फंस गए थे बाइडेन
  • अमन खलीली 2008 में अमेरिकी सेना के लिए दुभाषिया थे 

 

नई दिल्ली:

अफगान इंटरप्रेटर अमन खलीली ने अपने पूरे परिवार के साथ अफगानिस्तान छोड़ दिया है. वह अपने परिवार के साथ इस क्षेत्र को छोड़ने में कामयाब रहा है. इस इंटरप्रेटर ने वर्ष 2008 में तत्कालीन सीनेट जो बाइडेन को अफगानिस्तान के ग्रामीण इलाकों में मदद की थी. वर्ष 2008 में एक बर्फ़ीले तूफ़ान की वजह से अमेरकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और अन्य अमेरिकी सांसदों को ले जा रहे एक सैन्य हेलीकॉप्टर को एक बर्फीली घाटी में उतरना पड़ा था. इस दौरान कुछ लोग घात लगाकर हमला भी कर सकते थे. उस दौरान  अमन खलीली अमेरिकी सरकार के उन अफ़ग़ान कर्मचारियों में शामिल थे जिन्होंने समूह को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था.

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अगस्त महीने के बाद से वह वीजा मुद्दों को लेकर मदद की अपील कर रहा था. वह अब उन हजारों अफगानों में शामिल हो गया है जो तालिबान शासन के तहत रहने से बचने के लिए देश छोड़कर भाग गए हैं. अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रतिनिधि ने बीबीसी न्यूज़ को बताया कि खलीली और उनके परिवार ने सुरक्षित रूप से अफगानिस्तान से प्रस्थान किया और बाद में पाकिस्तान से आगे की यात्रा शुरू की. उन्होंने कहा कि वह अमेरिकी सरकार के समर्थन की वजह से ऐसा करने में सफल हो सके. इसके अलावा हम कई अन्य लोगों के लिए आभारी हैं जिन्होंने रास्ते में उनका समर्थन किया.

ऐसे बचाई थी जान
अमन खलीली नामक इंटरप्रेटर ने 13 साल पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) और दो अन्य सीनेटरों को ठंडे तापमान से बचाया था. वर्ष 2008 में तत्कालीन सीनेटर जो बाइडेन, पूर्व सेंसर चक हेगल और जॉन केरी के साथ अफगानिस्तान में एक दूरस्थ घाटी में फंस गए थे जब उनके ब्लैकहॉक हेलीकॉप्टर को बर्फीले तूफान के कारण मजबूरन उतरना पड़ा था. अमन खलीली 2008 में अमेरिकी सेना के लिए दुभाषिया थे और वह बाइडेन और अन्य अमेरिकी सीनेटरों को बचाने के लिए 30 घंटे तक जमी हुई ठंडी बर्फ में खड़े रहे.